राजगढ़। नरसिंहगढ़ तहसील के 3.200 हेक्टर कृषि भूमि मालिक लसूडल्या रामनाथ का प्रहलाद शर्मा पहले परंपरागत खेती से सोयाबीन, चना एवं गेहूं आदि की खेती कर दो से ढाई लाख रुपए वार्षिक आमदनी तक पहुंच पाता था। सिंचाई की सुविधा नहीं होने से साथ ही मौसम की अनियमितता से कई बार घाटा भी सहना पड़ता था। लेकिन वर्ष 2014 से एनएचबी द्वारा पॉली हाउस में खेती कर सालाना आमदनी 30...
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स्थायी नौकरियों का मकड़जाल - मृणाल पांडे
बेरोजगारी फिलहाल देश की बड़ी चिंताओं में पहले पायदान पर है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री ने देश को आश्वस्त किया कि गत एक बरस में 18-25 की उम्र के 70 लाख युवाओं ने संगठित क्षेत्र में रोजगार पाया, इसका प्रमाण सरकारी बही में दर्ज कर्मचारी भविष्यनिधि (ईपीएफ) के 70 लाख नए खाते हैं। इस आशावादी घोषणा का आधार थी (विगत जनवरी में छपी आईआईएम के प्रोफेसर पुलक घोष व एक राष्ट्रीयकृत...
More »मोहनदास से महात्मा तक--- श्रीभगवान सिंह
आमतौर पर यह धारणा प्रचलित है कि गांधीजी को पहली बार ‘महात्मा' से संबोधित किया रवींद्रनाथ ठाकुर ने। लेकिन धर्मपालजी अपनी पुस्तक में बताते हैं कि दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस आने पर गांधी को पहली बार ‘महात्मा' के रूप में संबोधित किया गया 21 जनवरी 1915 को, गुजरात के जेतपुर में हुए नागरिक अभिनंदन समारोह में। इसमें प्रस्तुत अभिनंदन पत्र में ‘श्रीमान महात्मा मोहनदास करमचंद गांधी' जैसे आदरसूचक शब्दों...
More »मानवीय गरिमा के खिलाफ--- कनिष्का तिवारी
नए साल की शुरुआत में ही हस्त आधारित मल निस्तारण की वजह से सात लोग अपनी जान गंवा बैठे। वर्ष 2017 में यदि अखबारों के आंकड़ों पर ही गौर करें तो सौ दिनों के अंतराल में सत्रह मजदूरों को इस अमानवीय कार्य में लगने के चलते अपनी जान गंवानी पड़ी। यह एक ऐसी समस्या है जो व्यक्ति की गरिमा को ठेस पहुंचाती है, साथ ही संविधान व मानवीय आचरण के...
More »आंध्र प्रदेश: दलितों को मुख्य रास्ते का इस्तेमाल न करने का फरमान..
आंध्र प्रदेश में एक बार फिर से जातिवाद का विकृत रूप सामने आया है। ऊंची जाति के लोगों ने दलितों के लिए आम रास्ते का इस्तेमाल न करने को लेकर फरमान जारी किया था। इसे न मानने पर दलित समुदाय का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया। उनके बच्चों को स्कूल जाने से रोक दिया गया और समुदाय के लोगों को काम देने से इनकार कर दिया गया। अगड़ी जाति के...
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