भोपाल के यूनियन कार्बाइड परिसर में दबाए गए जहरीले कचरे नेआस-पास के भूजल को मानक स्तर से 561 गुना ज्यादा प्रदूषित कर दिया है. शिरीष खरे की रिपोर्ट. सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख और लंदन ओलंपिक में भोपाल गैस कांड के मुख्य आरोपित डाउ केमिकल्स कॉरपोरेशन को शीर्ष प्रायोजक बनाने से उठे विरोध के बीच आखिरकार केंद्र सरकार ने यूनियन कार्बाइड कारखाने की चारदीवारी में रखे 340 मीट्रिक टन जहरीले कचरे को जलाने के...
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मिड-डे मील की शिकायत पर मासूमों पर टूटा शिक्षिका का कहर
वडोदरा। मिड-डे मील की शिकायत करने से खफा शिक्षिका ने 45 बच्चों को कमरों में बंद कर पीट ड़ाला। घटना गुजरात के पादरा के ब्राह्मणवशी गांव की है। गंभीर रूप से घायल 25 बच्चों का अस्पताल में इलाज करवाना पड़ा है। पांच को गहन उपचार के लिए भर्ती करवाया गया है। पीड़ित सभी बच्चे पाचवीं के हैं। शुक्रवार को कुछ बच्चों ने मिड-डे मील योजना के तहत पर्याघ्त भोजन न मिलने की शिकायत स्कूल प्रबंधन...
More »‘‘अविरल धारा के नाम पर धर्माचार्य गंगा को शौचालय बनाये रखना चाहते हैं’
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी में हाइड्रोलिक इंजीनियरिंग के अध्यापक और सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख रह चुके वीरभद्र मिश्र देश-दुनिया में प्रमुख गंगासेवी के रूप में जाने जाते हैं. गंगा की सफाई के लिए किए गए कार्यों से प्रभावित हो कर साल 2009 में अमेरिका की प्रतिष्ठित टाइम पत्रिका ने इन्हें “हीरो ऑफ द प्लैनेट” घोषित किया. वर्तमान में वीरभद्र चौधरी तुलसीदास द्वारा स्थापित संकटमोचन हनुमान मंदिर, वाराणसी...
More »बिहार में फसल बीमा कर्मचारी करेंगे सामूहिक आत्मदाह!
आरा:बिहार में फसल बीमा कर्मचारियों को हटाए जाने का नोटिस दिए बगैर उनकी जगह नए लोगों की नियुक्ति की जा रही है। इसको लेकर बीमा कर्मचारी खफा हैं। उनके सामने ये सवाल है कि एक साल नौकरी करने के बाद अब वो कहां जाएं और क्या करें? बिहार की नीतीश सरकार ने इनका रास्ता रोक दिया है। भोजपुर जिले के सांख्यिकी विभाग में कार्यरत फसल बीमा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष तेजप्रताप सिंह ने...
More »इस गांव के लोग थाना नहीं जाते
कभी अपराध और आंतक के लिए कुख्यात गावां का विशनीटीकर गांव विकास की नयी गाथा गढ़ रहा है. मामला विकास का हो या फिर शांति का, इस गांव ने आम सहमति को हथियार बनाकर मिसाल कायम किया है. गावां प्रखंड मुख्यालय से दस किलोमीटर की दूरी पर बसा यह गांव काफी पिछड़ा हुआ गांव माना जाता था. अस्सी और नब्बे के दशक में गांव में अपराध इस कदर बढ़ गया था कि...
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