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नोबेल शांति पुरस्कार का पैगाम - सत्‍येंद्र रंजन

भारत के कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई के संयुक्त रूप से नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित होने पर बेशक दोनों देशों के वंचित समूहों के बच्चों और उनके अधिकारों पर नए सिरे से रोशनी पड़ेगी। सत्यार्थी के 'बचपन बचाओ आंदोलन" ने इस कड़वी हकीकत से देश को परिचित कराए रखा है कि बंधुआ मजदूरी को अपराध बनाने, बाल मजदूरी को गैरकानूनी ठहराने और प्राथमिक शिक्षा को मूल अधिकार...

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...तो नामी प्राइवेट स्कूलों में पढेंगे गरीबों के बच्चे- शैलेन्द्र श्रीवास्तव

गरीबों के बच्चों का नामी-गिरामी प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने का सपना अब साकार हो सकेगा। राज्य सरकार प्राइवेट स्कूल की 25 फीसदी सीटों पर ऐसे बच्चों को दाखिला देने के लिए पूर्व में तय मानकों में बदलाव की तैयारी कर रही है। अगले सत्र के लिए दाखिले से पहले संशोधित आदेश जारी कर दिया जाएगा। प्रारंभिक रूप से निजी स्कूलों में दाखिले के लिए सरकारी स्कूलों से प्रमाण पत्र लेने की...

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कैसे पूरा होगा स्वच्छ भारत का सपना- पत्रलेखा चटर्जी

जिस देश में मोबाइल फोन की संख्या निजी टॉयलेट से कहीं अधिक है, वहां स्वच्छ भारत अभियान की सफलता की रातोंरात अपेक्षा नहीं की जा सकती। लोगों की सहभागिता के बगैर इसमें कामयाबी की उम्मीद करना बेमानी होगा, और यह संवाद के जरिये ही मुमकिन है। एक मित्र की टिप्पणी थी कि अगर कोई झाड़ू कंपनी शेयर बाजार में सूचीबद्ध होती, तो इन दिनों इसके शेयर आसमान छू रहे होते। महात्मा...

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आदिम युग जैसी सुविधाएं, कहीं स्टोर रूम तो कहीं पेड़ के नीचे लगती है क्लास

अजमेर/जयपुर. राज्य में सरकारी स्कूलों पर खर्च बढ़ता जा रहा है, लेकिन स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षा की गुणवत्ता में कोई बदलाव नहीं हो रहा है। पांचवीं और आठवीं कक्षा वाले स्कूलों में बच्चों को बैठने के लिए कुर्सी टेबल नहीं हैं। शिक्षकों को भी कुर्सी बमुश्किल ही मिलती है। पेड़े के नीचे, बरामदे या ऊबड़-खाबड़ जमीन पर ही बैठाकर बच्चों को पढ़ाया जाता है। 5 हजार स्कूलों में टॉयलट...

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सामाजिक न्याय का तंग दायरा- जितेंद्र कुमार

जनसत्ता 29 सितंबर, 2014: अगस्त 1990 में मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करके तब के प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने जिस सामाजिक न्याय का ताना-बाना बुना था, उसके बिखरने में बस चंद वर्ष लगे थे। सबसे पहले उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह जनता दल को तोड़ कर अलग हो गए और मंडल के सबसे अधिक प्रभाव वाले क्षेत्र बिहार में उसके दो प्रतापी नेताओं लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार...

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