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आपातकाल से हमने क्या सीखा- नीलांजन मुखोपाध्याय

किसी भी देश में थानेदार मानसिकता वाले लोगों की बड़ी संख्या आपको मिल जाएगी। भारत में इस तरह की सोच दरअसल औपनिवेशिक मानसिकता वाले ऐसे लोगों के जरिये आई है, जिन्हें अंग्रेजों ने स्थानीय स्तर पर महत्वपूर्ण पदों पर बिठाया था। स्थानीय थाने के वे दारोगा हमारे आदर्श बने, जिनके पास निरंकुश क्षमता थी और जिन्हें अपने अधीनस्थों को किसी भी किस्म की सफाई देने की जरूरत नहीं थी। गणतंत्र...

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एक जुलाई से आठ जिलों में खाद्य सुरक्षा पर विचार

रांची : खाद्य सुरक्षा की तैयारी को शनिवार को कमतर बताते हुए एक जुलाई से खाद्य सुरक्षा अधिनियम शुरू करने से इनकार करने वाले केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान रविवार को नरम दिखे. होटल बीएनआर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि सरयू राय ने आठ जिलों में खाद्य सुरक्षा की तैयारी पूरी कर लेने की बात कही है. झारखंड के कुछ जिलों में नक्सल समस्या भी है....

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जीएसटी : एक अहम सुधार में हो रही गड़बड़ी - जयराम रमेश

जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर संबंधी संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित होने के बाद राज्यसभा की स्थायी समिति को सौंप दिया गया है। जीएसटी वास्तव में अप्रत्यक्ष कराधान की संरचना में बेहद अहम सुधार वाला कदम है और यह समेकित राष्ट्रीय आम बाजार की रचना में मदद करेगा। इससे उपभोक्ताओं को कम कीमत में सामान मिल सकते हैं। उद्योग और व्यापार के लिए निश्चित रूप से यह ज्यादा...

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उपलब्धियों से अधिक चुनौती -- अजय बोस

केंद्र की सत्ता में एक साल पूरे होने के अवसर पर भाजपा चाहे कितना भी जश्न क्यों न मनाए, वास्तविकता यह है कि उसकी परेशानी छिपाए नहीं छिप रही। अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि कॉरपोरेट हितैषी की रही है। लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद से उनकी यह छवि कमोबेश खंडित होती दिखाई देती है। पिछले दिनों खत्म हुए बजट सत्र में उनकी कोशिशों के बावजूद ऐसा कुछ नहीं हुआ,...

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'कैम्पस' पर बढ़ रहा है दबाव - रामचंद्र गुहा

कोई एक साल पहले जब स्मृति ईरानी को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री बनाया गया था, तो मैं उनकी नियुक्ति पर नाक-भौं सिकोड़ने वाले लोगों में शामिल नहीं था। मैंने यूपीए सरकार के ऐसे विदेशी डिग्रीधारी एचआरडी मिनिस्टरों को देखा था, जिन्होंने अपने विभागीय दायित्वों में न के बराबर दिलचस्पी दिखाई थी। उनकी तुलना में स्मृति ईरानी कहीं ऊर्जावान और सक्रिय नजर आती थीं। उन्हें देखकर उम्मीद जगती थी कि...

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