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गांव में बिजली, टीवी सब है, नहीं है तो बस एक भी शौचालय

अनूपपुर(ब्यूरो)। गांव में बिजली है। लोगों के घरों में टीवी है। प्राइमरी स्कूल भी है और लोगों की सुविधा के लिए 20 हैंडपंप भी। बस नहीं है तो केवल शौचालय। ये हालात-ए-बयां हैं अनूपपुर से 30 किमी की दूरी पर बसे गांव कदमसरा के। लगभग ग्यारह सौ की आबादी वाले इस गांव में किसी भी घर में शौचालय नहीं है। हालात ऐसे हैं कि यहां सरपंच, ग्राम रोजगार सहायक, आंगनबाड़ी...

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ग्रामीण विकास का आदर्श सपना- संजय गुप्‍त

चंद दिनों पहले तक वाराणसी के जयापुर गांव से सारा देश अपरिचित था, लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र का यह गांव देश भर में चर्चा में है। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी और ग्रामीण विकास की दृष्टि से मील का पत्थर मानी जाने वाली आदर्श ग्राम विकास योजना के तहत इस गांव का चयन होते ही वह देश का विशिष्ट गांव बन गया है। स्वतंत्रता दिवस पर लाल...

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राधा मोहन ने कृषि वैज्ञानिकों से एक गांव गोद लेने को कहा

लखनऊ : केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की विभिन्न शोध संस्थानों के वैज्ञानिकों से एक-एक गांव गोद लेकर उनके निरन्तर सम्पर्क में रहने की अपील की है ताकि शोध संस्थानों का ज्ञान उन तक पहुंच सके सिंह ने आज यहां राष्ट्रीय गन्ना शोध संस्थान में लखनउ एवं आस-पास स्थित कृषि मंत्रालय के विभिन्न शोध संस्थानों तथा कृषि विज्ञान केंद्रों के पदाधिकारियों और वैज्ञानिकों को...

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पग-पग बीहड़ और अंख-अंख पानी - पंकज चतुर्वेदी

चंबल, मध्य प्रदेश के भिंड और मुरैना जिले में ऐसे 948 गांव हैं, जहां का सामाजिक व आर्थिक ताना-बाना जमीन में पड़ती गहरी दरारों के कारण पूरी तरह से बिखर चुका है। यहां की जमीन का रिकॉर्ड रखना सरकार के बस में नहीं है, क्योंकि पता नहीं कौन-सी सुबह किसका घर, खेत या सड़क बीहड़ की भेंट चढ़ जाए। लगभग 16.14 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल वाले चंबल संभाग का कोई 20...

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सस्ते कर्ज के दम पर दुनिया में दबंगई - मोहन गुरुस्‍वामी

कल्पना करें कि आप किसी द्वीप पर रह रहे हैं और एक ऐसे छोटे-से समूह का हिस्सा है, जिसके हर सदस्य को कोई खास जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस सिस्टम में कोई कपड़े बनाता है, कोई जूते तो कोई बर्तन। कोई अनाज उगाता है तो कोई अन्य वस्तुओं और सेवाओं के विनिमय के लिए नोट छापता है। जूते बनाने वाला पैसे लेकर जूते बेचता है और उन पैसों से अपना...

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