मौसम रूठा, बादलों से ओले बरसे और देखते ही देखते मध्यप्रदेश के एक हिस्से की फसलें जमीन पर जा गिरीं! यहां सरकार की मजबूरी समझी जा सकती है, लेकिन उसी दौरान दूसरे इलाके के खेतों में बंपर पैदावार की वजह से भाव नहीं मिले और किसान सड़कों पर टमाटर फेंकते, खेतों से पौधे उखाड़ते नजर आए! यह हर हाल में अस्वीकार होना चाहिए, किसान को भी और सरकार को भी!...
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झारखंड : भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल फिर से केंद्र को भेजा
रांची : राज्य सरकार ने भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल 2017 पर केंद्र सरकार द्वारा उठायी गयी आपत्ति का जवाब देते हुए उसे फिर से केंद्र के पास सहमति के लिए भेज दिया है. राजभवन से बिल की कॉपी केंद्र सरकार को भेज दी गयी है. गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार के भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल 2017 को पुनर्विचार के लिए वापस कर दिया था. केंद्रीय...
More »क्यों पिछड़ जाते हैं हमारे विश्वविद्यालय -हरिवंश चतुर्वेदी
वर्ष 2018 के लिए जो एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग सूची जारी हुई है, उससे भारत के लिए कुछ सुखद संकेत मिले हैं। 350 विश्वविद्यालयों की इस सूची में भारत के 42 विश्वविद्यालयों को इस बार स्थान मिला है। यह रैंकिंग जिन 13 आधार पर की गई है, उनमें 12 पर भारतीय विश्वविद्यालयों ने अपनी स्थिति बेहतर बनाई है। विश्व स्तर पर विश्वविद्यालयों की रैंकिंग ऐसा मुद्दा है, जिसके भारत जैसे विकासशील...
More »पॉली हाउस में खेती से कमा रहे 30 लाख रुपए सालाना
राजगढ़। नरसिंहगढ़ तहसील के 3.200 हेक्टर कृषि भूमि मालिक लसूडल्या रामनाथ का प्रहलाद शर्मा पहले परंपरागत खेती से सोयाबीन, चना एवं गेहूं आदि की खेती कर दो से ढाई लाख रुपए वार्षिक आमदनी तक पहुंच पाता था। सिंचाई की सुविधा नहीं होने से साथ ही मौसम की अनियमितता से कई बार घाटा भी सहना पड़ता था। लेकिन वर्ष 2014 से एनएचबी द्वारा पॉली हाउस में खेती कर सालाना आमदनी 30...
More »भारत में जलमार्गों की आर्थिकी-- प्रवीर पांडे
अतीत में व्यापार और यात्री परिवहन के लिए नदियां एक समृद्ध माध्यम रहीं। लेकिन सड़क और रेलतंत्र के विकास के साथ ही नदी आधारित परिवहन पर ध्यान कम होने लगा। अब जब विकास और उन्नति के साथ ही पर्यावरण को बनाए रखने पर जोर है- परिवहन के लिए अंतर्देशीय जलमार्ग विकास पर भी ध्यान केंद्रित हो रहा है। गंगा-यमुना और देश की अन्य नदियों को पुनर्जीवित करने के साथ ही...
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