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अधिकारों से बेदखल आदिवासी-- मोहन गुरुस्वामी

तेलंगाना स्थित पूर्ववर्ती आदिलाबाद जिले के निवासी गोंड एवं अन्य आदिवासियों के प्रतिनिधि संगठन तथा तेलंगाना सरकार के बीच चल रही बातचीत इस सप्ताह विफल हो जाने के बाद आदिवासी नेताओं ने घोषणा कर दी कि अब वे अपने गांवों में ‘स्वशासन' कायम करने की अपनी पूर्व घोषणा पर अमल करेंगे. ऐसा कर वे झारखंड के आदिवासियों द्वारा पहले से ही चलाये जा रहे ऐसे अभियान का ही अनुसरण कर...

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मिर्ची की फसल लगाकर लखपति बना युवा किसान

छिंदवाड़ा। मन में दृढ़ संकल्प हो तो कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। बड़ी नौकरी या बड़ा व्यापार से ही आदमी बड़ा नहीं बनता। बल्कि उन्नत खेती कर किसान लाखों रुपए कमा सकता है। खेती को लाभ का धंधा बनाकर लाखों रुपए कमाने वाले गुरैया के युवा पुरुषोत्तम पिता मोहन सिंग अहिरवार सफल किसान बन गए हैं। वो हर साल मिर्ची की खेती से तकरीबन 10 लाख रुपए से...

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क्या कहती है प्रवेशार्थियों की भीड़- हरिवंश चतुर्वेदी

देश के शीर्षस्थ विश्वविद्यालयों में से एक दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में प्रवेश की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। 1922 में स्थापित इस केंद्रीय विश्वविद्यालय में 16 संकाय, 86 विभाग और 77 संबद्ध कॉलेज हैं, जिनके विभिन्न कोर्सों में उपलब्ध 70 हजार सीटों के लिए लगभग ढाई लाख विद्यार्थी हर साल आवेदन करते हैं। देश के हर कोने से प्रतिभाशाली विद्यार्थी यह सपना लेकर इन दिनों राजधानी पहुंचते हैं कि किसी...

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ग्राम स्वराज पर पुनः चिंतन-- मणीन्द्र नाथ ठाकुर

वर्तमान सरकार ने ग्रामीण विकास के लिए एक नया प्रयास किया था. सांसदों को एक-एक गांव गोद लेने की सलाह दी गयी थी. उनसे कहा गया था कि इस गांव को विकास का प्रतिमान बनाया जाये. लेकिन, आखिरकार यह भी जुमला ही प्रतीत हो रहा है. पिछली सरकार के समय राष्ट्रपति कलाम साहब ने भी एक सपना देखा था कि ग्रामीण इलाकों में शहरों की सुविधाएं दी जाएं. लेकिन...

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गंभीर खतरा, सुस्त रवैया-- विनीत कुमार

हम एक ऐसे समय में जी रहे हैं जब धरती के वायुमंडल में ग्रीन हाउस गैस का स्तर पिछले 8 लाख वर्षों में उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है और फरवरी, 2018 में तो यह 408 पीपीएम के रिकॉर्ड आंकड़े को पार कर गया है। संयुक्त राष्ट्र संघ की एमिशन गैप रिपोर्ट 2017 कहती है कि पेरिस समझौते के अंतर्गत देशों की वर्तमान प्रतिबद्धताएं तापमान को 21वीं सदी के अंत...

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