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घाटा, कर्ज का भीषण कांटा!-- अनिल रघुराज

कालेधन को साफ करने की जिस वैतरणी के लिए सरकार ने देश के 26 करोड़ परिवारों को तकलीफ की भंवर में धकेल दिया, वह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती हमारी अर्थव्यवस्था के लिए कर्मनाशा बनती दिख रही है. आइएमएफ जैसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संगठन तक ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास का अनुमान 7.6 प्रतिशत से घटा कर 6.6 प्रतिशत कर दिया है, जबकि चीन का अनुमान 6.5 प्रतिशत से बढ़ा...

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गरीबों को स्‍मार्टफोन खरीदने में 1000 रुपये की सब्सिडी

नयी दिल्ली : डिजिटल भुगतान के प्रोत्साहन पर गठित मुख्यमंत्रियों की समिति ने कर दायरे से बाहर के लोगों तथा छोटे दुकानदारों को स्मार्ट फोन की खरीद पर 1,000 रुपये की सब्सिडी देने का सुझाव दिया है. इसके अलावा समिति ने बैंकों से 50,000 रुपये से अधिक की निकासी पर ‘नकद लेनदेन कर' लगाने की सिफारिश की है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और समिति के संयोजक एन. चंद्रबाबू नायडू ने...

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जनधन खाताधारकों को तोहफा, 3 साल तक मुफ्त बीमा दे सकती है सरकार!

केंद्र सरकार गरीबों की सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करना चाहती है। इसके लिए सरकार एक नई योजना लाने जा रही है। यह नई स्कीम बीमा योजना होगी, जो जन धन खाता धारकों के लिए होगी। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, सरकार प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के खाता धारकों को तीन साल तक 2 लाख का मुफ्त बीमा कवर देगी। बता दें कि जन धन योजना के तहत 27 करोड़ बैंक...

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दोहरे प्रयासों से तेज होगा विकास - डॉ जयंतीलाल भंडारी

बीते सोमवार को जीएसटी कौंसिल की बैठक के बाद आगामी एक जुलाई से इस एकीकृत परोक्ष कर प्रणाली को लागू करने की बात कही गई है। चूंकि नोटबंदी के बाद सरकार देश की अर्थव्यवस्था को कैशलेस बनाने की ओर अग्रसर है, ऐसे में एक जुलाई से जीएसटी की शुरुआत मददगार होगी। साथ ही जीएसटी की तिथि व दरें सुनिश्चित हो जाने के कारण आगामी बजट में अप्रत्यक्ष कर का अनुमान...

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प्रदूषण के लिए सरकार जिम्मेवार-- डा. भरत झुनझुनवाला

देश के तमाम शहरों में वायु प्रदूषण ने गंभीर रूप धारण कर लिया है. लोग बीमार हो रहे हैं, परंतु सरकार निष्क्रिय है. सरकार के इस कृत्य को समझने के लिए प्रदूषण का गरीब तथा अमीर पर अलग-अलग प्रभाव को समझना होगा. अर्थशास्त्र में दो तरह के माल बताये जाते है- व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक. व्यक्तिगत माल वे हुए, जिन्हें व्यक्ति अपने स्तर पर बाजार से खरीद सकता है जैसे चाय...

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