आर्थिक उदारीकरण में खेती-किसानी को कहीं भी महत्व नहीं दिया जाता। लेकिन भारत में कृषि नीति के प्रति सरकार की लगातार उदासीनता इसलिए घातक है कि सेवा क्षेत्र के विकास के बावजूद कृषि क्षेत्र आज भी अर्थव्यवस्था की धुरी है। यह हताशाजनक ही है कि सरकार बजट-दर-बजट खेती-किसानी को घाटे का सौदा साबित करने पर तुली है। बाहरी दबावों और कॉरपोरेट हितों के लिए कृषि क्षेत्र को तबाह करने का...
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लोकतंत्र के लिए खतरा हैं ‘पेड न्यूज’ : सोनी
त्रिसूर, 16 अप्रैल (एजेंसी) अंबिका सोनी ने कहा है कि ‘पेड न्यूज’ एक ऐसा रोग है जो स्वतंत्र और निष्पक्ष मीडिया को निगल जाने में सक्षम है। और लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए इसे खत्म किया जाना जरूरी है । मलयालम अखबार ‘दीपिका’ की 125वीं वर्षंगांठ पर आयोजित समारोह में यहां कल शाम सूचना और प्रसारण मंत्री ने रेखांकित किया कि भारतीय प्रेस परिषद और चुनाव आयोग ने सामग्रियां जब्त की हैं...
More »महिलाओं का मध्य युगीन प्रदेश- प्रियंका दुबे की रिपोर्ट(तहलका, हिन्दी)
आखिर क्या वजह है कि मध्य प्रदेश में हर दिन औसतन 10 महिलाएं बलात्कार की शिकार बनती हैं? प्रियंका दुबे की रिपोर्ट हाल ही में मध्य प्रदेश के गृह मंत्री उमा शंकर गुप्ता ने विधानसभा में जानकारी दी थी कि पिछले तीन साल के दौरान राज्य में कुल 9926 बलात्कार की घटनाएं दर्ज की गईं. 2009 में 3,071, 2010 में 3,220 और 2011 में बलात्कार के 3381 मामले. ये सरकारी आंकड़े हैं...
More »4.75 लाख में बन सकती हैं महिलायें राजनेता
नई दिल्ली : राजनीति में जाने की चाह रखने वाली महिलाओं के लिए जरुरी कौशल में इजाफा करने के लिहाज से आईआईएम बेंगलूर ने आज एक पाठ्यक्रम की शुरुआत की. तीन महीने के इस पाठ्यक्रम का नाम इंडिया..वुमेन इन लीडरशिप बाई द सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी रखा गया है जिसका उद्देश्य महिला नेताओं में शासन के अनेक पहलुओं के लिए जरुरी कुशलताओं, ज्ञान और विशेषज्ञता को बढाना है. एक वक्तव्य के अनुसार इससे...
More »शिक्षक होने के मायने क्या? : सतीश झा
हाल ही की एक खबर पर बहुत कम लोगों का ध्यान गया, जबकि भारत के शैक्षिक भविष्य में दिलचस्पी रखने वाले हर व्यक्ति की रुचि उसमें होनी चाहिए। मानव संसाधन विकास मंत्री ने एक आश्चर्यजनक बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि आज देश में पांच लाख से भी अधिक ‘शिक्षक’ नौकरी की तलाश में हैं। यह बात सुनकर मैं सोच में पड़ गया कि सरकार में बैठे हमारे हुक्मरान क्या...
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