SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 478

काले धन की मरीचिका में हम - विजय संघवी

हमारा देश एक मरीचिका का पीछा कर रहा है, जिसका नाम है विदेशों में जमा काला धन। अगर काले धन का शगूफा बार-बार छेड़ा जाता है तो उसका कारण यह है कि इससे राजनेताओं को दूसरे मामलों से देशवासियों का ध्यान भटकाने का मौका मिल जाता है, अफसरों को देश में मौजूद काली संपदा को नजरअंदाज करने की सुविधा मिल जाती है, न्यायपालिका को सरकार को फटकार लगाने का अवसर...

More »

काले धन के मसले पर बदलता रुख - आकार पटेल

भारतीयों ने कितना काला धन विदेशों में रखा है? इस बारे में किसी को सही-सही जानकारी नहीं है. सरकार को भी नहीं! वर्ष 2011 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 80 बिलियन डॉलर काला धन होने के अनुमान पर सवाल उठाते हुए कहा था कि यह बहुत बढ़ा-चढ़ा कर बताया गया है. भारत के उद्यमियों के सबसे बड़े संगठन (एसोचैम) का कहना है कि काले धन का आंकड़ा दो ट्रिलियन...

More »

कोर्ट की फटकार कितनी असरदार? - राजीव सचान

पिछले दिनों काले धन के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाने के चलते देश को यह संदेश गया, मानो पिछली सरकार की तरह नई सरकार भी इस मसले पर ढिलाई बरत रही है। लेकिन अब स्थिति यह है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में काम कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) और सरकार का स्वर एक ही है। दोनों ही कह रहे हैं...

More »

सस्ते कर्ज के दम पर दुनिया में दबंगई - मोहन गुरुस्‍वामी

कल्पना करें कि आप किसी द्वीप पर रह रहे हैं और एक ऐसे छोटे-से समूह का हिस्सा है, जिसके हर सदस्य को कोई खास जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस सिस्टम में कोई कपड़े बनाता है, कोई जूते तो कोई बर्तन। कोई अनाज उगाता है तो कोई अन्य वस्तुओं और सेवाओं के विनिमय के लिए नोट छापता है। जूते बनाने वाला पैसे लेकर जूते बेचता है और उन पैसों से अपना...

More »

सुविधाओं से लैस होगी सांसद आदर्श ग्राम योजना- अंजनी कुमार सिंह

नयी दिल्ली : लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जन्म दिवस 11 अक्तूबर को पीएम मोदी सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाइ) की शुरुआत करने जा रहे हैं. योजना के तहत लोकसभा व राज्यसभा के सांसदों को एक गांव गोद लेनी होगा. उस गांव का विकास करना होगा. सांसद अपने पति या पत्नी के गांव को गोद नहीं ले सकते हैं. मोदी ने अपने लाल किला के भाषण में ही इसकी घोषणा की...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close