भारतीय मॉनसून के लिए अल नीनो, एक विलेन की तरह माना जाता है. अल नीनो की मार से ऑस्ट्रेलिया और भारत सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. अल नीनो से सामान्य मॉनसून की हालत बिगड़ने का अंदेशा है, जिससे बारिश कम होने की आशंका जतायी जा रही है. देश के मौसम विभाग ने इस वर्ष अल नीनो के आने की 70 फीसदी तक उम्मीद जतायी है. दरअसल, मॉनसून के सबसे बीचवाले...
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भारतीय मॉनसून की विशेषताएं- बालसुब्रमण्यम एल
भारतीय जलवायु के बारे में कहा जाता है कि यहां केवल तीन ही मौसम होते हैं- मॉनसून पूर्व, मॉनसून और मॉनसून के बाद का मौसम. हालांकि, यह भारतीय जलवायु पर एक हास्योक्ति है, फिर भी मॉनसून पर मौसम की पूर्ण निर्भरता को अभिव्यक्ति देती है. मॉनसून के विभिन्न आयामों व इसके कमजोर होने के परिणामों और प्रभावों के विश्लेषण का एक प्रयास.. वर्षा की दृष्टि से भारत बड़ा में बड़ा विरोधाभास...
More »मोटे अनाज की खेती से बहुरे किसानों के दिन
किसानों के लिए वह स्थिति और भी कष्टदायी होती है, जब मॉनसून फेल हो जाने या कम वर्षा होने के कारण वह सही तरीके से धान की फसल की बुआई नहीं कर पाते हैं. कृषि वैज्ञानिक किसानों को हमेशा यह सलाह देते हैं कि ऐसी स्थिति में उन्हें खेती के दूसरे विकल्प को अपनाने के लिए तैयार रहना चाहिए. खेती के लिए फसल के दूसरे विकल्पों में मक्का तथा मडुवा के...
More »50 हजार परिवारों की रोजी छीन लेगा सरदार सरोवर
नर्मदा घाटी से जितेंद्र यादव। सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने के केंद्र सरकार और नर्मदा कंट्रोल अथॉरिटी (एनसीए) के फैसले ने मप्र में नर्मदा घाटी के 193 गांवों को डूब से पहले चिंता और दहशत में डुबो दिया है। घाटी के लगभग 50 हजार परिवारों के रोजगार पर संकट के बादल छा गए हैं। बांध की ऊंचाई बढ़ाने का फैसला दिल्ली और गुजरात से होकर आया है, लेकिन इसका...
More »महिलाएं सूखी नदी का सीना चीरकर लातीं हैं पानी
श्रवण शर्मा/बालाघाट। पांजरा में पीने के पानी के लिए पसीने बहाना रोजमर्रा की मजबूरी है। खैरलांजी तहसील के इस गांव में महिलाओं को तपती धूप में डेढ किमी का फासला तय कर पानी मुहैया होता है। यहां रोजाना पैरों व हाथों की वर्जिश का सिलसिला शुरू होता है। दरअसल, सूखी चनई नदी में एक-एक स्थान पर दर्जनभर महिलाएं पानी के लिए गड्ढा खोदकर झील बनाती है। फिर घंटों पसीना बहाकर निकले...
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