‘क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में चुनाव कैसे होते हैं? पिता के लिए शराब, मां के लिए कपड़े और बच्चे के लिए भोजन।’ ‘आखिर इस देश में क्या भ्रष्ट नहीं है? भारत का केंद्रीय व्यसन या दोष भ्रष्टाचार है; भ्रष्टाचार की केंद्रीय धुरी है चुनावी भ्रष्टाचार; और चुनावी भ्रष्टाचार की केंद्रीय धुरी हैं कारोबारी घराने।’ उपरोक्त उक्तियां अन्ना हजारे द्वारा कही गई बातों जैसी लगती हैं। हालांकि ये बातें...
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8वीं के बाद लड़कियों को स्कूल नहीं भेजते गांव वाले
कालका. कालका दून क्षेत्र का खोल फतेह सिंह गांव ऐसा गांव है, जहां के ग्रामीण बेटियों को 8वीं के बाद स्कूल भेजते ही नहीं। खोल फतेह सिंह गांव की सभी लड़कियां आठवीं के बाद स्कूल नहीं गईं। कुछ युवा 8वीं से आगे पढ़े ही नहीं हैं। खोल फतेह सिंह गांव के गिनती के मात्र 25 बच्चे लगभग सात किलोमीटर दूर पैदल जंगल के रास्ते से नानकपुर गांव में पढ़ने जाते हैं।...
More »टीचर बनने के लिए देना होगी परीक्षा- अनुराग शर्मा
भोपाल। अब सरकारी और निजी स्कूलों में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करने वालों को ही शिक्षक बनने का मौका मिलेगा। ये परीक्षा डीएड, बीएड और एमएड करने वालों को भी देनी होगी। नौकरी पाने के लिए इस परीक्षा में 60 प्रतिशत अंक लाना जरूरी है। परीक्षा राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर होगी। शिक्षा का अधिकार कानून के अंतर्गत देशभर में पढ़ाई का स्तर सुधारने के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद यह...
More »कक्षा-6 के बच्चों को नहीं मिलेगा मिड डे मील
रांची. बंगीय विद्यापीठ (एलईबीबी हाईस्कूल के प्राइमरी सेक्शन) में इस वर्ष पांचवीं कक्षा पास कर छठी में प्रवेश करनेवाले बच्चों को सरकार की ओर से न मिड डे मील का लाभ मिलेगा, न ही मुफ्त किताबें ही मिलेंगी। यह जानकारी मंगलवार को स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों को दी। स्कूल प्रबंधन समिति के सचिव डॉ. राम रंजन सेन ने बताया कि प्राइमरी सेक्शन को सरकार से किसी प्रकार का अनुदान नहीं मिलता...
More »मिड डे मील: राज्य में लागू नहीं हो सका सेंट्रलाइज कुकिंग सिस्टम
रांची. सरकारी स्कूलों के लिए मिड डे मील एक जगह बने, भोजन में गुणवत्ता हो, साफ सफाई का ध्यान रहे और सभी स्टूडेंट को एक ही समय पर भोजन मिले, इसके लिए मानव संसाधन विकास विभाग ने सेंट्रलाइज कुकिंग सिस्टम लागू करने पर वर्ष 2009 में विचार किया था। अगर यह सिस्टम लागू होता तो मिड डे मील से शिक्षकों को निजात मिल जाती। इतना ही नहीं छात्रों को गुणवत्तापूर्ण भोजन...
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