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मुख्यमंत्री ने फिर गांवों में जाकर देखा फसलों का हाल

भोपाल। जबसे किसानों के खेतों में पाले की आफत आई है और किसानों के आत्महत्या करने के मामले बढ़े हैं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रोजाना फसलों का मुआयना करने किसी न किसी गांव में पहुंच रहे हैं। रविवार को वह राजधानी के पड़ौसी रायसेन जिले के दो गांवों में गए और किसानों को दिलासा दी कि सरकार उनके साथ है और वे कतई चिंता न करें। जिन गैर लाइसेंसी साहूकारों से...

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आदिवासियों के साथ करना होगा लाभ का बंटवारा

नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन]। खनन कंपनियों के लाभ में विस्थापित आदिवासियों को हिस्सेदारी देने के मुद्दे पर सरकारी कंपनियों को कोई राहत नहीं मिलेगी। सरकारी कंपनियों को भी अपने लाभ में से 26 फीसदी हिस्सा विस्थापित स्थानीय या आदिवासी परिवारों को देना होगा। इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे योजना आयोग, कोयला मंत्रालय और स्टील मंत्रालय भी अब इसके लिए राजी हो गए हैं। इन विभागों का विरोध समाप्त होने के...

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पंचायती राज आने में अभी भी देर है

रांची। राज्य में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के जमीन पर उतरने में अभी और वक्त लगेगा। कारण राज्य के आधा से अधिक जिलों ने अब तक जिला गजट में चुनाव संपन्न होने की अधिसूचना जारी नहीं की है। इसमें वैसे जिले भी शामिल हैं जहां 15 दिन पूर्व चुनाव परिणाम घोषित हो चुके हैं। और जब तक जिला गजट में चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं होगी, परोक्ष चुनाव की प्रक्रिया पूरी...

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आगामी पंचायत चुनाव में महिलाओं का होगा राज!

पटना। बिहार में अगले वर्ष अप्रैल महीने में ग्राम पंचायतों के लिए चुनाव होने हैं। राज्य में कुल 8 हजार 463 ग्राम पंचायतों में होने वाले चुनाव में 3 हजार 784 ग्राम पंचायतों में मुखिया का पद महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया है। राज्य निर्वाचन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इन 3 बजार 784 महिला मुखियाओं में से सामान्य वर्ग की 2 हजार 611 मुखिया होंगी, जबकि...

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कुपोषण की चपेट में सहरिया जनजाति के नौनिहाल-एएचआरसी

परंत, राजवीर, रामकुमारी,सन्नी- ये नाम घनघोर कुपोषण में दम तोड़ने वाले बच्चों के हैं। 3 साल या फिर इससे भी कम उम्र के सभी बच्चे मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले गांवों में आबाद सहरिया जनजाति के हैं। आशिक, कुलदीप,पवन और मालती जैसे कुछ बच्चे और हैं, ये भी सहरिया जनजाति के ही हैं और कुपोषण की चपेट में इनका भी दम किसी क्षण टूट सकता है।(देखें लिंक संख्या-1) मानवाधिकारों के मोर्चे पर...

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