संजय सिंह, बांका। बिहार के मुंगेर व बांका जिले की सीमा पर बदुआ नदी के किनारे बसे गढ़ी मोहनपुर गांव की महिलाओं में गजब का उत्साह और जज्बा है। कठिन से कठिन परिस्थितियों का मुकाबला करने को वे हमेशा तैयार रहती हैं। चाहे अपराधियों का मुकाबला हो अथवा बाहरी तत्वों के अन्याय व जुल्म का। गांव की महिलाएं पूरे जोश-खरोश के साथ संघर्ष को तैयार रहती हैं। गांव के हरेक...
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नरेगा यानी लूट की पूरी छूट
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून यानी नरेगा की हकीकत जानना हो तो आपको झारखंड के लातेहार जिले में जाना चाहिए। आप चाहें तो पलामू, हजारीबाग और देवघर भी जा सकते हैं। सच तो यह है कि पूरा झारखण्ड ही आपको नरेगा की हकीकत से रू-ब-रू करा सकता है। भारत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में रहनेवाले भूमिहीन, मजदूर एवं लघु कृषक परिवारों के आजीविका को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से रोजगार...
More »सूचना अधिकार कानून में संशोधन होगा
नयी दिल्ली : सरकारी कामकाज में पादर्शिता और बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार सूचना अधिकार कानून 2005 में संशोधन करने जा रही है, ताकि इस कानून में निहित कुछ अनियमितताओं को दूर किया जा सके. कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने आज यहां आयोजित प्रशासनिक सुधार विभागों के सचिवों के सम्मेलन का उदघाटन करते हुये कहा कि इस कानून ने आम नागरिक को सशक्त बनाने तथा प्रशासन...
More »भुखमरी-एक आकलन
खास बात - साल 1990 में भारत का जीएचआई अंक 32.6 था, साल 1995 में यह अंक 27.1, साल 2000 में 24.8, साल 2005 में 24.0 तथा साल 2013 में 21.3 था। साल 2013 में भारत का जीएचआई अंक(21.3) चीन (5.5), श्रीलंका (15.6), नेपाल (17.3), पाकिस्तान (19.3) और बांग्लादेश (19.4) से बदतर है।@ -साल १९८३ में देश के ग्रामीण अंचलों में प्रति व्यक्ति प्रति दिन औसत कैलोरी उपभोग २३०९ किलो कैलोरी का था जो साल १९९८ में घटकर २०१०...
More »न्याय:कितना दूर-कितना पास
खास बात • साल २००९ के अप्रैल महीने तक सर्वोच्च न्यायालय में लंबित मुकदमों की संख्या ५०१४८ थी। केसों के निपटारे की गति बढ़ी है मगर शिकायतों के आने की गति और जजों की संख्या केसों के आने की गति की तुलना में अपर्याप्त साबित हो रही है।* • दो साल पहले यानी साल २००७ के जनवरी महीने में सुप्रीम कोर्ट में लंबित केसों की संख्या ३९७८० थी। सुप्रीम कोर्ट लंबित केसों के निपटारे में तेजी लाने असहाय महसूस...
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