डी डब्ल्यू हिन्दी, 05 सितम्बर भारत आने से पहले ही बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा है कि तीस्ता के पानी पर विवाद समेत कई दूसरे अनसुलझे मुद्दों के कारण बांग्लादेश के लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं. हसीना के पिछले भारत दौरे के दौरानभी उम्मीद की जा रही थी कि तीस्ता के पानी के बंटवारे के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच जमी बर्फ पिघलेगी. हालांकि पश्चिम बंगाल...
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नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों से भारत में हर साल हो रहा है 16.6 करोड़ टन ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन
डाउन टू अर्थ, 31 अगस्त वैश्विक स्तर पर केवल नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों के उपयोग से हर साल 113 करोड़ टन ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन हो रहा है, जोकि जलवायु के लिए एक बड़ा खतरा है। उत्सर्जन का यह खतरा कितना बड़ा है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि यह कृषि क्षेत्र से होने वाले कुल उत्सर्जन का करीब 10.6 फीसदी हिस्सा है जबकि ग्रीनहाउस गैसों के वैश्विक...
More »प्रधानमंत्री जी! स्पीति में लगातार कम हो रही है मटर की खेती
डाउन टू अर्थ, 31 अगस्त अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के स्पीति क्षेत्र की मटर की तारीफ की थी, लेकिन हकीकत यह है कि इस क्षेत्र के किसान जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ सिंचाई के पानी के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। समुद्र तल से 3,000 से 4,500 मीटर की ऊंचाई पर बसे 'शीत रेगिस्तान' के नाम से स्पीति क्षेत्र को जाना...
More »मानसून ही क्यों है हमारा असली वित्त मंत्री
न्यूजलॉन्ड्री, 31 अगस्त हमारी खेती का बड़ा हिस्सा मानसूनी वर्षा पर ही निर्भर है. यानी खेती-किसानी को एक अच्छे मानसून की हर साल जरूरत पड़ती है. वहीं, देश की लगभग दो-तिहाई आबादी का जीवनयापन खेती से ही चलता है. पिछले कुछ दशकों में भले ही भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपने आर्थिक प्रदर्शन के लिए कृषि पर निर्भरता में कमी की हो लेकिन आर्थिक सर्वेक्षण 2022 के मुताबिक अब भी हमारी अर्थव्यवस्था में...
More »असम में 2021 के दौरान अपराध के मामलों में 10% इजाफा : NCRB
एनडीटीवी इंडिया, 31 अगस्त अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021 में असम में अपराध के मामलों की संख्या लगभग 10 प्रतिशत बढ़कर 1.33 लाख से अधिक हो गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि असम में पिछले साल अपराध के 1,33,239 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2020 में 1,21,609 मामले दर्ज किए गए थे. इनमें से 1,19,883 मामले भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के अपराध थे. यह...
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