द वायर, ‘उई दिन अच्छे भले उठल रहलन. खाना बनाइके हम पूछलीं कि खा लेईं. बोलनन अभी नाहीं खाइब. नहा के खाइब. नहाइन धोइन अउर बिना कछु कहले बाहर निकल गइन. हम समझी बीड़ी लेवे गइल होइहें. जबसे घर आइल रहिस बहुते कम बाहर जाइस. कभो कभार खाली बीड़ी लेवे बाहर निकलैं. खाना परोस हम राह देख लगौं. देर होके लगी तो पता कइनी कि कहीं भाई के घर त नाहीं...
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कोई तूफान यों ही गुजर नहीं जाता है
-न्यूजलॉन्ड्री, तब ‘अम्फान’ आ कर गुजर गया था; अब ‘निसर्ग’ आ कर गुजर गया है. राहत की आवाज सुनाई दे रही है कि चलो, गुजर गया. हिसाब यह लगाया जा रहा है कि ‘अम्फान’ ओडिशा से कट कर निकल गया; ‘निसर्ग’ ने मुंबई के चेहरे पर कोई गहरी खरोंच नहीं डाली. तूफान कमजोर पड़ गया. कैसे इसका हिसाब लगाया आपने कि तूफान कमजोर पड़ गया? जवाब तुरंत आता है: मौत के...
More »सहरिया आदिवासी: लॉकडाउन की मार से त्रस्त
इस बार गर्मियों के दिन पूरन के लिए कुछ अलग हैं, इस साल कोई 'फड़' नहीं लगी गांव में. वैसे हर साल इन दिनों में 'फड़' लगती थी और पूरन अपने परिवार सहित तेंदू पत्ता तोड़ने जंगल जाते थे, इस बार कोरोना वायरस की वजह से ऐसा नहीं हुआ. पूरन शिवपुरी जिले के कुंवरपुर गांव में रहते हैं, वो सहरिया आदिवासी हैं. इन दिनों वो कुंवरपुर की 'सहराना' बस्ती मे लॉकडाउन...
More »“महामारी को सरकार ने महात्रासदी में बदला”
-आउटलुक, पहले चंद्रशेखर सरकार और फिर अटलबिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री और फिर विदेश मंत्री जैसा अहम जिम्मा संभाल चुके 83 वर्षीय यशवंत सिन्हा 2014 के बाद से ही दलगत राजनीति से बाहर हैं लेकिन बतौर सार्वजनिक शख्सियत वे आज भी सक्रिय हैं। हाल में लॉकडाउन के दौरान गरीब और प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा के खिलाफ उन्होंने राजघाट पर लगभग 11 घंटे का धरना और गिरफ्तारी दी। उनकी मांग है कि मजदूरों...
More »कोरोना वायरस संकट: अगले एक महीने में क्या हो सकता है?
-सत्याग्रह, केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के चलते घोषित लॉकडाउन का पांचवां चरण शुरू हो गया. इसके लिए जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक कंटेनमेंट जोन में 30 जून तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है. बाकी इलाकों में चरणबद्ध तरीके से परिवहन से लेकर शिक्षण तक वे तमाम गतिविधियां फिर से शुरू की जाएंगी जिन पर पाबंदी लगी हुई थी. कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश भर में...
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