-सत्याग्रह, कोरोना वायरस से होने वाली महामारी कोविड-19 ने 160 से ज्यादा देशों को अपनी चपेट में ले लिया है. मौतों का आंकड़ा 16 हजार के पार हो गया है. करीब साढ़े तीन लाख लोग संक्रमण का शिकार हैं. इस बीच एक अध्ययन कह रहा है कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो यह वायरस अकेले अमेरिका में करीब 22 लाख लोगों की जान ले सकता है. दिल्ली सहित भारत के...
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क्या-क्या करें भारतीय पत्रकार कोरोना वायरस से बचाव के लिए
-न्यूजलॉन्ड्री, आने वाले दिनों में मीडिया कंपनी के मालिक और सम्पादक कोरोना वायरस से संबंधित ख़बरों को कवर करने के लिए रिपोर्टरों को भेजेंगे. रिपोर्टरों को ऐसे वक्त में फील्ड में उतरने से पहले क्या तैयारियां और ऐहतियात बरतना चाहिए: 1. ऐहतियात बरतने से ही बचाव संभव है. मास्क पहनिए और जैसे ही ये गीला हो जाए इसको बदल दी जिये. इसमें लगे इलास्टिक बैंड से इसको छूएं और सीधे-सीधे मास्क को...
More »कोरोना वायरस: लॉकडाउन में क्या बंद और क्या खुला रहेगा?
-बीबीसी, लॉकडाउन के दौरान क्या-क्या बंद रहेगा सार्वजनिक परिवहन बंद रहेगा. पर कुछ राज्यों ने कहा है कि 25% सरकारी बसें चलेंगी. सभी दुकानें, बड़े स्टोर, फ़ैक्ट्रियाँ, वर्कशॉप, दफ़्तर, गोदाम, साप्ताहिक बाज़ार बंद रहेंगे. अगर किसी ज़िले की सीमा दूसरे राज्य से मिलती है, तो उसे सील किया जाएगा. यानी बॉर्डर सील होंगे. एक राज्य से दूसरे राज्य को जोड़ने वाली बस और रेल सेवाएं रद्द कर दी जाएंगी. कंस्ट्रक्शन का काम रोक दिया जाएगा. सभी...
More »कोरोनावायरस और साफ पानी का महत्व
-डाउन टू अर्थ, 22 मार्च को विश्व जल दिवस है। नोवेल कोरोनो वायरस बीमारी (कोविड-19) हमारी अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है. ऐसे में, यह समझने की जरूरत है कि सब के लिए स्वच्छ और सुलभ तरीके से पानी की उपलब्धता कितना महत्वपूर्ण है। इस महामारी से बचने का एकमात्र अचूक उपाय यही है कि हम लगातार अपने हाथों को हर बार 20 सेकंड तक धोएं। यानी, साफ पानी रोगों...
More »तीसरी दुनिया: भूटान के डेढ़ लाख हिंदू शरणार्थियों की उपेक्षा में छुपा है CAA का पाखण्ड
-मीडियाविजिल, तीसरी दुनिया यानी एशिया, अफ्रीका और लातिन अमेरिका के विकासशील देश जिनकी खबरें 1980 के दशक के बाद से ही बड़े सुनियोजित ढंग से हाशिए पर पहुंचती चली गईं। सारा स्पेस विकसित देशों ने ले लिया- बेशक, तीसरी दुनिया के देशों के अंदर ‘पहली दुनिया’ के जो छोटे-छोटे टापू थे उनके बाशिंदों को भी थोड़ी बहुत जगह मिलती रही। आज हम स्पष्ट तौर पर देख रहे हैं कि अमेरिका सहित विकसित...
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