मडुवा की खेती कर खाद्य सुरक्षा के साथ पोषण सुरक्षा के लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता है. सीमांत किसानों के लिए यह आवश्यक है कि धान के अलावा वह वैकल्पिक खेती अवश्य करें. इसमें मडुवा, सरगुजा, कुरथी, गुंदली व दूसरे किस्म की फसल शामिल हैं, जो पानी की कम मात्र होने पर भी अच्छी उपज दे सकते हैं. वैकल्पिक खेती पर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के जैवप्रोद्योगिकी विभाग के...
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जरूरी है छोटे किसानों के लिए वैकल्पिक खेती : डॉ हैदर
मडुवा की खेती कर खाद्य सुरक्षा के साथ पोषण सुरक्षा के लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता है. सीमांत किसानों के लिए यह आवश्यक है कि धान के अलावा वह वैकल्पिक खेती अवश्य करें. इसमें मडुवा, सरगुजा, कुरथी, गुंदली व दूसरे किस्म की फसल शामिल हैं, जो पानी की कम मात्र होने पर भी अच्छी उपज दे सकते हैं. वैकल्पिक खेती पर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के जैवप्रोद्योगिकी विभाग के...
More »शरीर में आयरन की कमी दूर करेगी कुटकी- दिलीप साहू
रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर ने कुटकी की एक ऐसे नई वेराइटी विकसित की है, जिसमें आयरन की मात्रा तीन गुना अधिक है। बीएल-4 नामक इस वेराइटी के 100 ग्राम अनाज में 28.3 मिलीग्राम आयरन है। यह अन्य राष्ट्रीय फसलों में मौजूद आयरन की मात्रा से ज्यादा है। इस फसल के माध्यम से हर वर्ग के लोगों को सुनिश्चित मात्रा में आयरन मिलेगा, जिसे कम दर पर शरीर में...
More »बारिश से लीची की फसल में जान आयी, किसानों की आशाएं बढी
पटना: बिहार में हाल में हुई बारिश से लीची की फसल में जान आ गयी है. इसके साथ ही लीची के बेहतर फसल उत्पादन और देश के अन्य भागों में इसका सामान्य रुप से वितरण को लेकर इस प्रदेश के किसान आशान्वित हैं. ?बिहार में इस फल का उत्पादन करीब 255 टन है, जो कि देश में कुल उत्पादित 575 टन लीची का 45 प्रतिशत है. देश में काश्तकारी के लिए उपलब्ध...
More »परिवर्तन के लिए पूर्वाभ्यास- प्रभु जोशी
जनसत्ता 23 मई, 2014 : इन चुनाव परिणामों ने स्पष्ट कर दिया कि नरेंद्र मोदी अपने दल से बड़े हैं। वे मालवा की इस कहावत के चरितार्थ हैं कि‘दस हाथ की कंकड़ी में बीस हाथ का बीज’। उनके ऐसा ‘वैराट्य’ ग्रहण करते ही उनका दल छिलके की तरह नीचे गिर गया है। वे स्वयंसिद्ध सत्ता की उस धार में बदल चुके हैं, जिसे अब दल की पुरानी आडवाणी-अटल छाप म्यान...
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