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योजना की आड़ में खिलवाड़- निराला की रिपोर्ट(तहलका, हिन्दी)

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के मूल उद्देश्य का सत्यानाश करके बिहार में कई निजी अस्पतालों ने सिर्फ पैसा कमाने के लिए 16 हजार महिलाओं की बच्चेदानी निकाल दी. निराला की रिपोर्ट. एक आदमी सपरिवार सफर में था. ट्रेन में पहुंचा. उसकी सीट पर कुछ लफंगे पहले से बैठे थे. सीट से हटने को लेकर बहस हुई. लफंगों ने आदमी को एक तमाचा जड़ दिया. उस आदमी ने कहा, ‘मुझे मार दिया लेकिन मेरी...

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हथियारों के ‘जखीरे’ पर खडी है दुनिया

नई दिल्ली : अफ्रीका से लेकर एशिया तक हर तरफ मची हिंसा में छोटे हथियारों का अत्यधिक इस्तेमाल हो रहा है और विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि राजनीतिक अस्थिरता तथा कानून व्यवस्था की स्थिति को सुधारा नहीं गया तो आने वाले समय में स्थिति और विकट हो जायेगी. - विश्व में 87 करोड़ 50 लाख छोटे हथियार दुनियाभर में कितने छोटे हथियार हैं इसका कोई ठीक ठीक आंकडा नहीं है लेकिन संयुक्त राष्ट्र...

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...ताकि अभिभावक भी दें आरटीई को सही तरह से लागू करने में सहयोग

गुड़गांव. शिक्षा के अधिकार को सही तरीके से लागू करने में जिले के अभिभावक और शिक्षकों का पूर्ण सहयोग मिले इसी के मद्देनजर राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के सहयोग से स्कूल प्रबंधन कमेटी (एसएमसी) के सदस्यों को प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। प्राथमिक शिक्षक संघ के मुताबिक शिक्षकों और अभिभावकों को शिक्षा के अधिकार के प्रति उनकी जिम्मेवारियां पता न होने के चलते यह ठीक से लागू नहीं हो पा रहा...

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भ्रष्टाचार की गंगा का मुहाना बंद करना होगा- पी साईनाथ (अनुवाद मनीष शांडिल्य)

मनमोहनॉमिक्स के करीब 20 साल पूरे हो रहे हैं, अतः उस कोरस को याद करना बहुत वाजिब होगा, जिसका राग मुखर वर्ग पहले तो खूब गर्व से और फिर खुद को दिलासा देने के लिए अलापता रहा हैः 'आप चाहे जो भी कहें, हमारे पास डॉ मनमोहन सिंह के रूप में सबसे ईमानदार आदमी हैं. उनके खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला जा सकता'. लेकिन ऐसा अब कम सुनने को...

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आप कितने सही हैं, डॉ सिंह?- पी साईनाथ( अनुवाद-मनीष शांडिल्य)

प्रिय प्रधानमंत्री जी, मुझे यह जानकर खुशी हुई कि सुप्रीम कोर्ट को ‘‘सम्मानपूर्वक’’ फटकारते हुए आप ने कहा है कि अनाज, सड़ते हुए खाद्यान्न का निपटारा जैसे सभी सवाल नीतिगत मामले हैं. आप बिल्कुल सही कह रहे हैं और बहुत दिनों बाद ऐसा किसी ने कहा है. ऐसा कर आप संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सार्वजनिक बयानबाजी में ईमानदारी लाने की एक छोटी-सी कोशिश कर रहे हैं, जिसकी बहुत कमी महसूस की जा रही थी. बेशक यह...

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