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पानी पर मनमानी- शिरीष खरे(तहलका)

राजस्थान के कई शहरों में लोगों को 24 घंटे पानी देने की तैयारी की जा रही है. मगर कहने में अच्छी लगने वाली यह योजना कार्यान्वयन के स्तर पर खामियों से भरी है. शिरीष खरे की रिपोर्ट   खबर 24X7. बैंकिंग 24X7. पिज्जा 24X7. और अब इसी तर्ज पर राजस्थान के कई शहरों में 24 घंटे और सातों दिन पानी पिलाने का दावा किया जा रहा है. यह दावा राज्य सरकार...

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वित्तमंत्री की नींद क्यों उड़ी है- आनंद प्रधान

जनसत्ता 15 फरवरी, 2012 : वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी की नींद उड़ गई है। उनका कहना है कि जब भी वे सब्सिडी के बढ़ते बोझ के बारे में सोचते हैं, उनकी रातों की नींद उड़ जाती है। असल में, वित्तमंत्री ने चालू वित्तीय वर्ष के बजट में विभिन्न मदों (खासकर खाद्य, उर्वरक और पेट्रोलियम) में कुल 1.43 लाख करोड़ रुपए की सब्सिडी का अनुमान लगाया था, लेकिन रिपोर्टों के मुताबिक, इसमें लगभग एक लाख...

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ममता ने प्रधानमंत्री से उर्वरक पर सब्सिडी बढ़ाने, कृषि कर्ज माफ करने का आग्रह किया

कोलकाता, 9 फरवरी (एजेंसी) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर उर्वरक पर सब्सिडी बढ़ाने और राज्य के किसानों का कर्ज माफ करने का आग्रह किया। ममता ने संवाददताओं को बताया, ‘‘मैं लंबे वक्त से प्रधानमंत्री को ऐसे पत्र लिखती रही हूं। मैंने फिर उन्हें पत्र लिखा है।’’ उन्होंने कहा कि पूर्व की वाम मोर्चा सरकार के वक्त से ही ऐसी मांग की जा रही...

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खेत के साथ आंख भी नम, जमीन होते हुए भी रोटी के लिए मोहताज

सेम की समस्या सिर्फ चुनावों के समय ही म़ुद्दा बनती है। बाद में इनसे प्रभावित लोगों को कोई नहीं पूछता। सेम से सीएम प्रकाश सिंह बादल का गृह जिला मुक्तसर सबसे ज्यादा प्रभावित है। फरीदकोट और फिरोजपुर जिलों के कुछ गांव भी चपेट में हैं। कुछ साल पहले तक जमींदार कहलाए जाने वाले किसान आज जमीन होते हुए भी रोटी के लिए मोहताज हैं।     मुक्तसर जिले के तहत थेहड़ी गांव निवासी परमजीत...

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महंगाई के पीछे गलत नीतियां- सी पी राय

समूचा देश आज महंगाई की समस्या से परेशान है। लेकिन सारी महंगाई अंतरराष्ट्रीय कारणों से नहीं है, जैसा कि सरकारी पक्ष बताता आ रहा है। साफ है कि 120 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाला यह देश सेंसेक्स और कुछेक लोगों को समृद्ध करने वाली नीतियों से नहीं चल सकता। कुछ तो है, जिसे हमारे तथाकथित अर्थशास्त्री नहीं समझ पा रहे हैं या नहीं समझने का नाटक कर रहे हैं या...

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