हिसार। हरियाणा में कन्याएं यदि यूं ही जन्म से पहले मां की कोख में दम तोड़ती रहीं तो प्रदेश का हर छठा योग्य कुंआरा हरियाणवी बहू से वंचित हो जाएगा। आर्थिक रूप से देश के बेहतर प्रदेशों में शामिल हरियाणा का लिंगानुपात 839 पर आ टिका है। इसके चलते प्रदेश के प्रति हजार में से 161 युवक या तो शादी नहीं कर पाएंगे या फिर वे अन्य प्रदेशों में शादी को...
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गंदा है, पर धंधा है- विमलेश मिश्र
विमलेश मिश्र, जमशेदपुर : ये दूसरों की गंदगी साफ करते, मगर खुद नारकीय जीवन जी रहे हैं। गंदगी साफ करते-करते चर्म, टीबी व कुष्ठ जैसे असाध्य रोग इन्हें घेर लेते हैं। अनुसूचित जाति के हैं, मगर सुविधा कुछ को ही। पहले सफाई के लिए सरकार या कंपनी से नौकरी मिल जाती थी, अब ठेकेदार से मिलने वाली मजदूरी पर जीवन टिका है। संसद ने कानून बना सिर पर मैला ढोने...
More »सरकार के इंतजार में कुंवारी रह गईं हमारी बेटियां
रांची। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सरकार ने 2010-11 में बीपीएल परिवारों की 10 हजार बेटियों की शादी कराने का लक्ष्य रखा था, लेकिन वह मात्र एक हजार लड़कियों के हाथ ही पीले करा सकी। नौ हजार सिर्फ इंतजार करती रह गईं। इससे अभिभावकों को उनके विवाह के लिए जमीन बेचनी पड़ी या कर्ज लेना पड़ा। कई तो पैसे के अभाव में अब तक कुंवारी हैं। इस मद में 10 करोड़...
More »टूटती सांसों के बीच करती है जूतों की मरम्मत
बांदा, गणतंत्र दिवस के 62वें सालगिरह पर देश भर में जहां जश्न और खुशियों का माहौल है, वहीं देश के कई हिस्सों में अभी भी कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हें दो वक्त की रोटी के लिए जी तोड़ मेहनत करनी पड़ती है, तब जाकर मुश्किल से कहीं उनका पेट भरता है। एक ऐसी ही बुजुर्ग महिला चंद्रकली (85) है जो पिछले 40 साल से मोची का काम कर अपना गुजर बसर कर...
More »एक समान शिक्षा का विकल्प शिरीष खरे
‘स्कूल चले हम’ कहते वक्त अलग-अलग स्कूलों में पल रही गैरबराबरी पर हमारा ध्यान ही नहीं जाता. एक ओर जहां क, ख, ग लिखने के लिए ब्लैकबोर्ड तक नही पहुंचे हैं, वहीं दूसरी तरफ चंद बच्चे प्राइवेट स्कूलों में मंहगी ईमारत, अंग्रेजी माध्यम और शिक्षा की जरूरी व्यवस्थाओं का फायदा उठा रहे हैं. केन्द्रीय कर्मचारियों के बच्चों के लिए केन्द्रीय विद्यालय हैं, सैनिको के बच्चों के लिए सैनिक स्कूल हैं, तो...
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