हिंदी को लेकर माहौल फिर गर्म होने लगा है। इसके पीछे दो केंद्रीय मंत्रियों के ताजा बयान हैं। एक ने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है। सच्चाई यही है कि संविधान में राष्ट्रभाषा की कोई अवधारणा नहीं है। हिंदी सरकारी भाषा है, अंग्रेजी के साथ-साथ। संविधान लागू करते समय कहा गया था कि अगले पंद्रह वर्षों में अंग्रेजी हटा दी जाएगी। लेकिन गैर हिंदीभाषी राज्यों के विरोध के कारण ऐसा...
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अंतिम समाधान तो पुलिस ही है-- विभूति नारायण राय
दुनिया भर का अनुभव बताता है कि नागरिक असंतोष यदि समय से सुलझाया न जा सके और उसे अनुकूल खाद-पानी मिले, तो अंततोगत्वा वह एक सशस्त्र प्रतिरोध में तब्दील हो जाता है। खास तौर से जब धर्म जैसा कोई मजबूत दर्शन इसके पीछे हो और बिना किसी गंभीर प्रयास के सरकारें सिर्फ लीपापोती कर रही हों, तब स्थिति अधिक बिगड़ सकती है। शुरुआत में तो इस उभार का सामना नागरिक...
More »भारतीय समाज के नए यथार्थ-- ज्योति सिडाना
वर्ष 2016 में सेंटर फॉर द स्टडी आॅफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) ने कोनराड एडेन्यूर स्टीफटुंग (केएएस) के साथ मिल कर ‘भारत में युवाओं की अभिवृत्ति' विषय पर एक अध्ययन किया। इस सर्वे में पंद्रह से चौंतीस वर्ष के भारतीय युवाओं (देश में युवा आबादी करीब पैंसठ फीसद है) से अनेक सवाल पूछे गए। आंकड़ों के अनुसार अस्सी फीसद युवा ज्यादा चिंतित या असुरक्षित महसूस करते हैं। उनमें चिंता के मुख्य...
More »हत्याओं पर सरकार का रुख-- आकार पटेल
क्या गोरक्षकों द्वारा की जा रही हिंसा, कहने का अर्थ है कि गोमांस के नाम पर भारतीयों की हत्या, भारत की एक समस्या है? अगर ऐसा है, तो इसके हल के लिए क्या किया जा सकता है? वेबसाइट इंडियास्पेंड की रिपोर्ट के अनुसार, गोमांस के नाम पर 97 प्रतिशत हिंसा नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद हुई है. केंद्र और महाराष्ट्र, हरियाणा व अन्य दूसरे भाजपा शासित...
More »जीएसटी का असर : कैंसर, शूगर व बीपी की दवाएं गायब
पटना : जीएसटी में दवाओं पर कर के बारे में भ्रम की स्थिति से फुटकर दवा विक्रेताओं ने दवाओं की खरीद सीमित कर दी है. इससे नयी कर प्रणाली लागू होने से पांच दिन पहले ही दवाओं की किल्लत हो गयी है. हालांकि गोविंद मित्रा सहित सभी थोक बाजार में दवाओं का स्टॉक भरा पड़ा है, लेकिन इसके बाद भी मरीजों के तिमारदारों को दवाओं खासकर कैंसर, शूगर, बीपी की...
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