देशभर में प्याज की कीमतें आम आदमी को रुला रही हैं. महानगरों में प्याज के भाव खुदरा मंडियों में क्वालिटी के हिसाब से 80 से 100 रुपये प्रति किलो हैं. जबकि अनय शहरों और यहां तक कि ग्रामीण इलाकों में भी प्याज 50 से 70 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं. प्याज की कीमतों में हर दूसरे दिन वृद्धि देखने को मिल रही है. खबरे आ रही है कि नासिक...
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किसानों की खुदकुशी के सबब- विनोद कुमार
जरा गौर कीजिए कि इसी देश में करीब अठारह-बीस करोड़ भूमिहीन दलित, अति पिछड़े मजूर हैं। उनके जीवन में यह मौका ही नहीं आता कि वे बैंक से कर्ज लें, खेती करें, उनकी फसल नष्ट हो और वे आत्महत्या कर लें। इसका अर्थ यह नहीं कि हम किसानों की आत्महत्या से पीड़ा का अनुभव नहीं करते। लेकिन इस बात को समझना तो होगा कि एक भूमिहीन किसान या मजूर आत्महत्या न...
More »खेती का खेल निराला मेरे भइया- राजेन्द्र तिवारी
देश के करीब 75 फीसदी परिवार कृषि क्षेत्र पर निर्भर हैं. देश की लगभग 70 प्रतिशत गरीब आबादी (विश्व बैंक के मुताबिक 77 करोड़ लोग) गांव में बसती है. लेकिन देश के जीडीपी में कृषि का हिस्सा लगातार गिरता जा रहा है. 50 के दशक में कृषि की हिस्सेदारी हमारी जीडीपी में 50 फीसदी से ज्यादा थी, 90 के दशक में यह 20 से 30 फीसदी रह गया और 2013-14...
More »वर्षा के पैटर्न में गंभीर परिवर्तन- भरत झुनझुनवाला
इंद्रदेव देश के साथ आंख मिचौली खेल रहे हैं. जून में वर्षा सामान्य रही. इसके बाद जुलाई के पहले पखवाड़े में वर्षा बहुत कम रही. सूखे की संभावना बढ़ती जा रही थी. लेकिन जुलाई के दूसरे पखवाड़े में देश के तमाम क्षेत्रों में अच्छी वर्षा होने से स्थिति पुन: सामान्य हो गयी है. वर्तमान में वर्षा सामान्य से मात्र दो प्रतिशत कम है. राजस्थान के दक्षिणी इलाकों में भारी वर्षा...
More »ऐसे तो नहीं मिलेगी किसान को राहत - डॉ भरत झुनझुनवाला
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने किसानों के लिए नई बीमा योजना लागू करने की घोषणा की है। प्राकृतिक आपदाओं से हुई खेती की क्षति के कारण किसान कर्ज अदा नहीं कर पाते हैं और खुदकुशी को मजबूर होते हैं। योजना है कि बीमा के प्रीमियम पर सरकार सबसिडी देगी। देश के लगभग दो-तिहाई किसानों के पास ढाई एकड़ से कम जमीन है। उत्तराखंड के मेरे गांव में इतनी जमीन पर लगभग...
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