कानपुर। अब हाइड्रोजन से कार ही नहीं चलेगी, बिजली बनेगी। लोग घर में अपने जरूरत के मुताबिक बिजली का उत्पादन कर सकेंगे। भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर मे तेजी से काम चल रहा है। एक पेंसिल बल्ब जलाने में सफलता मिल गयी। 2015 तक पांच किलोवाट उत्पादन क्षमता का पावर हाउस सिस्टम विकसित कर लिया जायेगा। बढ़ती ग्लोबलवार्मिग और घटते पेट्रोलियम व कोयले के भंडार को देखते हुए हाइड्रोजन को भविष्य के ईधन रूप में...
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तब तो स्वावलंबी हो जाएंगे ग्राम
देहरादून। सूबाई सरकार की अटल आदर्श ग्राम योजना की परिकल्पना यदि साकार हुई तो उत्तराखंड के ये गांव स्वावलंबी हो जाएंगे। पहले चरण में न्याय पंचायत मुख्यालय के 670 गांवों को 31 मार्च 2011 तक संतृप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इस अटल आदर्श ग्राम योजना के अंगर्तत चयनित गांव में प्राथमिक विद्यालय, आंगनबाड़ी, एएनएम केंद्र, विद्युतीकरण, निर्बल वर्ग आवास, स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता कार्यक्रम, सड़क मार्ग, बालिका माध्यमिक...
More »दस दिन बनाम साढ़े बारह किलो अनाज
अतरी (गया)। खरौना गांव में 10 दिन बाद मंगलवार को मातम था। मूर्ति देवी की मौत पर परिवार सहित कई ग्रामीण दशकर्म के लिए गांव के बाहर जुटे थे। जहां एकता परिषद के चार सदस्य उनके मातम में सहभागी थी। इन दस दिनों के बीच खरौना गांव में प्रशासन ने लगभग सभी गरीब परिवारों के बीच अनाज के कुछ दाने पहुंचा ही दिये। जिला मुख्यालय गया से 30 किमी दूर...
More »भुखमरी-एक आकलन
खास बात - साल 1990 में भारत का जीएचआई अंक 32.6 था, साल 1995 में यह अंक 27.1, साल 2000 में 24.8, साल 2005 में 24.0 तथा साल 2013 में 21.3 था। साल 2013 में भारत का जीएचआई अंक(21.3) चीन (5.5), श्रीलंका (15.6), नेपाल (17.3), पाकिस्तान (19.3) और बांग्लादेश (19.4) से बदतर है।@ -साल १९८३ में देश के ग्रामीण अंचलों में प्रति व्यक्ति प्रति दिन औसत कैलोरी उपभोग २३०९ किलो कैलोरी का था जो साल १९९८ में घटकर २०१०...
More »बेरोजगारी
एक नजर सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर लगातार ऊंची बनी होने के बावजूद भारत अपनी ग्रामीण जनता की जरुरत के हिसाब से मुठ्ठी भर भी नये रोजगार का सृजन नहीं कर पाया है। नये रोजगारों का सृजन हो रहा है लेकिन यह अर्थव्यवस्था के ऊंचली पादान के सेवा-क्षेत्र मसलन वित्त-जगत, बीमा, सूचना-प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी के दम पर चलने वाले हलकों में हो रहा है ना कि विनिर्माण और आधारभूत ढांचे के...
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