नई दिल्ली [राजकेश्वर सिंह]। उत्तर प्रदेश विधानसभा में आंकड़ों के खेल में सरकार की सेहत भले ही ठीक हो, लेकिन जनता की सेहत की फिक्र किसे है। कम से कम ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। केंद्र सरकार की नजर में इस मामले में राज्य सरकार का कामकाज बिल्कुल असंतोषजनक है। प्रदेश के लगभग दो सौ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिना डॉक्टरों के और 1929 मातृ-शिशु कल्याण उप केंद्र बिना एएनएम के चल...
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खाप पंचायतों का बढ़ता खौफ- सुभाष गताडे
नई दिल्ली [सुभाष गाताडे]। इंडियन नेशनल लोक दल के प्रधान ओम प्रकाश चौटाला और काग्रेस के युवा सासद नवीन जिंदल में क्या समानता ढूंढ़ी जा सकती है? अगर राजनीतिक प्रतिबद्धताओं को देखें या उम्र का फासला देखें तो कुछ भी एक जैसा नहीं है। अलबत्ता खाप पंचायतों को लेकर दिए अपने ताजे बयान के बाद दोनों एक ही तरफ खड़े दिखाई देते हैं। पिछले कुछ समय से खाप पंचायतों की तरफ से एक मुहिम...
More »पोषण चुनौतियों से निपटने की तैयारी तैयारी
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। महिला व बाल विकास मंत्रालय और स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने पोषण चुनौतियों से निपटने के लिए एक संयुक्त पत्र तैयार किया है। इसे तैयार करने में राज्यों की भी राय ली गई है। संयुक्त पत्र में तीन साल तक के बच्चों के पोषण पर खास ध्यान देने के साथ इस काम के लिए योजना आयोग में एक पृथक समर्थन इकाई बनाने की अनुशंसा भी...
More »भुखमरी कैसे खत्म हो - सचिन कुमार जैन
भुखमरी आज के समाज की एक सच्चाई है परन्तु मध्यप्रदेश के सहरिया आदिवासियों के लिये यह सच्चाई एक मिथक से पैदा हुई, जिन्दगी का अंग बनी और आज भी उनके साथ-साथ चलती है भूख. अफसोस इस बात का है कि सरकार अब जी जान से कोशिश में लगी हुई है कि भूखों की संख्या कम हो. वास्तविकता में भले इसके लिये प्रयास न किये जायें लेकिन कागज में तो सरकार...
More »महंगाई के खिलाफ खोखली पहल
नई दिल्ली [घनेंद्र सिंह सरोहा]। आईपीएल, सानिया की शादी और मोदी-थरूर विवाद के बीच बीते दिनों एक खबर महंगाई पर भी आई थी। अक्सर विपक्ष कहता है कि मीडिया हमेशा बुनियादी मुद्दों को छोड़ ग्लैमरस चीजों के पीछे भागता है। तो मंहगाई पर कटौती प्रस्ताव लाने वाला विपक्ष संसद में शशि थरूर और उनकी महिला मित्र सुनंदा के बीच कौन-सा बुनियादी मुद्दा ढूंढ़ रहा है। यहा विपक्ष या मीडिया की गलतिया ढूंढ़ने का इरादा...
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