लखनऊ। एक दशक पहले तक जीविका के लिए पल्लेदारी, मजदूरी, सिर पर डलिया रखकर सब्जी व फल बेचने वाली निरक्षर भानुमती वनग्राम की महिलाओं व अन्य वर्ग के लोगों की आवाज उठाकर देश की सौ ताकतवर महिलाओं में शुमार हो चुकी है। उन्हें राष्ट्रपति की ओर से 22 जनवरी को राष्ट्रपति भवन आने का न्यौता मिला है। इस मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ भोज में शामिल होने के...
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भानमती देश की सौ ताकतवर महिलाओं में शुमार
लखनऊ। एक दशक पहले तक जीविका के लिए पल्लेदारी, मजदूरी, सिर पर डलिया रखकर सब्जी व फल बेचने वाली निरक्षर भानुमती वनग्राम की महिलाओं व अन्य वर्ग के लोगों की आवाज उठाकर देश की सौ ताकतवर महिलाओं में शुमार हो चुकी है। उन्हें राष्ट्रपति की ओर से 22 जनवरी को राष्ट्रपति भवन आने का न्यौता मिला है। इस मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ भोज में शामिल होने के...
More »वक्त के पन्नों पर जो दर्ज कर गये अपनी अमिट छाप
नियम यह है विधाता का / सभी आकर चले जाते / मगर कुछ लोग ऐसे हैं / जो जाकर भी नहीं जाते। न सब धनवान होते हैं / न सब भगवान होते हैं/ दयालु, लोकप्रिय, सतपाल / भले इनसान होते हैं।। ... और ऐसा कोई इनसान जब वक्त के पन्नों पर अपनी अमिट छाप छोड़ कर हमारे बीच से विदा होता है, तो यह हम सबका साझा फर्ज बनता...
More »शिक्षा का मतलब दिमाग में सूचना भरना नहीं : प्रणव
बेंगलुरु : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि शिक्षा शांतिपूर्ण सह अस्तित्व की भावना को परवान चढ़ाने और विविधता को स्वीकार करने में मदद कर सकती है और उसका लक्ष्य चरित्र निर्माण होना चाहिए . मुखर्जी ने कहा कि शिक्षा महज किसी छात्र के दिमाग में कुछ सूचना डालना नहीं है. उसका लक्ष्य चरित्र निर्माण होना चाहिए. राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा आस्था बनाने में, शांतिपूर्ण सह अस्तित्व की...
More »जजों की नियुक्ति : अपने-अपने तर्क
कॉलेजियम सिस्टम पर चल रही बहस के दो छोर हैं। एक का दावा है कि हमारे देश के सर्वशक्तिमान न्यायाधीशों की नियुक्ति और तबादले का अधिकार कुछ न्यायाधीशों के पास केवल इसलिए रहना चाहिए, क्योंकि वे न्यायपालिका परिवार का हिस्सा होने के कारण उनके बारे में बेहतर समझ रखते हैं। दूसरा छोर कहता है कि उसमें आम जनता के नुमाइंदों की भी भागीदारी होनी चाहिए, क्योंकि न्यायाधीश केवल न्यायपालिका के...
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