भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था पर नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन की राय सबसे जुदा होती है। इन दोनों में वह मानव विकास के मायने ढूंढ़ते हैं। नई सरकार की चुनौतियों व संभावनाओं और मौजूदा सरकार की उपलब्धियों तथा खामियों पर उनसे दैनिक हिन्दुस्तान के ललिता पणिकर और गौरव चौधरी ने विस्तृत बातचीत की। बातचीत के अंश- आर्थिक मंदी के बीच नई सरकार की क्या प्राथमिकताएं होनी चाहिए? कुछ लंबे समय के...
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राजनीतिक विमर्श और जन-स्वास्थ्य- नीकी नैनसी
जनसत्ता 9 मई, 2014 : सोलहवीं लोकसभा के चुनाव अपने आखिरी चरण में हैं, लेकिन अभी तक किसी पार्टी ने सामाजिक विकास को लेकर कोई ठोस बहस या तथ्य पर आधारित चर्चा करने की जरूरत नहीं समझी है। किसी भी पार्टी का घोषणापत्र उठा लें, एक बात पर सभी अपना दावा करते नजर आएंगे- आर्थिक और समेकित विकास। इन भारी-भरकम शब्दों के इस्तेमाल में आपको कोई कटौती नहीं मिलेगी, चाहे...
More »गांव प्रयोगशाला नहीं, हमारी सांस्कृतिक जड़ हैं
पटना निवासी बाबुल प्रसाद ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए सतत कार्य करते रहे हैं. बाबुल ने आइआइबीएम पटना से मार्केटिंग में एमबीए की शिक्षा ग्रहण की. इन्होंने ‘यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन’ ‘सिएटल’ से एक साल का फैलोशिप भी किया हुआ है. बाबुल प्रसाद ‘पॉपुलेशन एसोसिएशन ऑफ अमेरिका’ के स्थायी सदस्य और पटना विश्वविद्यालय के ‘रूरल मैनेजमेंट डिपार्टमेंट’ के गेस्ट फैकल्टी भी हैं. वर्तमान में इनका संगठन बिहार- झारखंड के कई जिलों...
More »राज्यों से बेहतर तालमेल जरूरी- नृपेन्द्र मिश्र
बस दो हफ्तों की बात और है, इसके बाद केंद्र में एक नई सरकार होगी, जिसे बेकाबू भ्रष्टाचार, धीमी विकास दर, बेरोजगारी, आवश्यक वस्तुओं के बढ़ते दामों और गहरी जड़ें जमा चुकी दोषपूर्ण मान्यताओं से उपजी राजनीतिक व्यवस्था जैसी विकराल चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। चुनावी सरगर्मियों पर नजर डालने से साफ पता चलता है कि ऐसे तीन मुद्दे हैं, जो औसत मतदाता की परेशानियों का सबब बनते हैं। इनमें सबसे...
More »आठ फीसदी स्कूलों में ही शिक्षा का अधिकार- पुष्यमित्र
दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ते वक्त आम आदमी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में उल्लेख किया था कि दिल्ली में इस वक्त महज 2674 स्कूल संचालित हो रहे हैं, जिनमें राज्य के तकरीबन 24 लाख बच्चे पढ़ते हैं. वे अगर सरकार बनाते हैं तो कम से कम 500 स्कूल और खोलेंगे. आम आदमी पार्टी में आम तौर पर प्रबुद्ध, समाजसेवी और शिक्षा से जुड़े लोगों का प्रभाव माना जाता है, मगर फिर...
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