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तेल कीमतों में कमी के आसार नहीं-- अभिजीत मुखोपाध्याय

नवंबर, 2014 के बाद पहली बार इस साल मई में कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गयी थी. आंकड़े इंगित करते हैं कि अमेरिका, जापान और यूरोप की अर्थव्यवस्थाओं के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था अपेक्षा से बेहतर प्रदर्शन कर रही है. इस कारण तेल की मांग बढ़ रही है. फिलहाल कच्चे तेल की कीमत 78 डॉलर के आसपास है. इसका दूसरा पहलू यह है कि आपूर्ति को नियंत्रित...

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इन राज्यों में धारा 377 के तहत दर्ज मामलों की संख्या है सबसे ज्यादा

नई दिल्ली। समलैंगिक यौन संबंध के सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश और केरल से सामने आए हैं। धारा 377 के तहत इन आपराधिक मामलों को दर्ज किया गया था। हालांकि, बीते हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने इस धारा को आंशिक रूप से निरस्त कर दिया है। यह जानकारी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के डेटा से सामने आई है। इस डेटा से मिली जानकारी के अनुसार, धारा 377 के तहत साल 2014 से...

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डॉलर महंगा होने से जापान से कर्ज लेने की होड़

दिनोंदिन डॉलर के महंगा होने से भारतीय कंपनियों में समुराई लोन यानी जापान से कर्ज लेने की होड़ बढ़ गई है। जापान में बेहद कम ब्याज दरों के कारण और फंड की उपलब्धता से भारतीय कंपनियां उनसे कर्ज लेने की ओर आकर्षित हो रही हैं। जापान में वित्तीय फंड वाली बड़ी कंपनियों को पहलवानों की तरह समुराई कहा जाता है और इनसे लिए कर्ज को भी समुराई लोन बोलते हैं।...

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किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने के लिए नयी खरीद नीति को मिली मंजूरी

नयी दिल्ली : सरकार ने बुधवार को नयी फसल खरीद नीति को मंजूरी दी है. इसमें एक योजना और तिलहन कीमतों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम होने की स्थिति में तिलहन किसानों को उनके नुकसान की भरपाई करने पर केंद्रित है और दूसरी योजना के तहत राज्य सरकारों को किसानों से उनकी उपज की खरीद में निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी जोड़ने की छूट होगी. सूत्रों ने...

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उदास रुबाई न बन जाए हिमालय-- शशि शेखर

हिन्दुस्तान के लाखों लोगों की तरह मुझे भी हिमालय से मुहब्बत है। जरा सा मौका मिलते ही मैं खुद को इसकी चोटियों, खाइयों, खंदकों, घाटियों, नदियों, सरोवरों और निर्मल समीर के हवाले कर देता हूं। हर बार यह इंद्रधनुषी पर्वतमाला मुझे सुकून के साथ उदासी सौंपती है। वजह बताने की जरूरत नहीं। हम सब जानते हैं, हिमालय न होता, तो हम न होते। इसके शिखर मानसून को मदद देते हैं। इसके...

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