अगर कोई पूछे कि मुंबई महानगर में झोपड़ बस्तियों को हटाने की दिशा में जो काम हो रहा है, उसका क्या असर पड़ा है तो इस सवाल का एक जवाब ये भी हो सकता है- आने वाले दिनों में झोपड़ बस्तियों की संख्या बढ़ सकती है. मुंबई महानगर का कानून है कि जो बस्ती लोगों के रहने लायक नहीं है, उसे स्लम घोषित किया जाए और वहां बस्ती सुधार की योजनाओं...
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पुरखों की जमीन दी, बदले में क्या मिला.. !!
राउरकेला स्टील प्लांट की स्थापना के लिए पंडित जवाहर लाल नेहरू और जयपाल सिंह मुण्डा आए थे और गांव वालों को समझा बुझा कर विकास के नाम पर जमीन ले लिया था. आज पचास सालों के बाद विस्थापितों के हालात भिखमंगों की तरह हो गई है. उन्ही विस्थापितों में से एक हैं लुसिया तिर्की जो मंदिरा डैम से उजाड़ दी गई. उनका कहना है कि जमीन का कागज अभी तक...
More »दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय 8,452 रुपये बढ़ी
नई दिल्ली ।। दिल्लीवालों की आमदनी बढ़ रही है। दिल्ली सरकार के ताजा आंकड़े बता रहे हैं कि दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय में 8,452 रुपये का इजाफा हुआ है। दिल्ली वालों की प्रति ...
More »तो अब नहीं मिलेगी तारीख पर तारीख
तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख। जज साहब, यहां न्याय नहीं मिलता, मिलती है तो सिर्फ तारीख। जीं हां, फिल्म दामिनी में बोला गया यह डायलाग लोगों को इस कदर याद हो गया है कि जब भी किसी केस के जजमेंट में देरी की बात आती है तो आदमी यही लाइन्स दोहराता है। पर अब एक राहत की बात यह है कि अगर सब कुछ सही रहा तो लोगों को कोर्ट से तारीख पर तरीख...
More »महिला आरक्षण : चुनौतियों भरा रहा 14 साल का सफर
नई दिल्ली. महिला आरक्षण विधेयक को 14 साल लंबे सफर में कई बाधाएं, कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इसे लेकर कई बार सदन में हंगामा हुआ, प्रतियां फाड़ी गईं, बदसलूकी की गई और सदन के बाहर सरकार गिराने की धमकियां दी गईं। आइए जानते हैं कि 9 मार्च को राज्यसभा में पारित होने से पहले विधेयक को लेकर क्या-क्या प्रमुख घटनाएं घटीं। 12 सितंबर 1996 : इस ऐतिहासिक विधेयक को लोकसभा में सबसे पहले देवेगौड़ा...
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