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इस शहर में चल रहा खनन का बड़ा खेल, रोजाना 800 गाड़ी रेती पार

बल्लभगढ़. जिले में यमुना नदी से रेती खनन का काम धड़ल्ले से जारी है। एक अनुमान के मुताबिक रोजाना करीब 800 गाड़ी रेती का खनन हो रहा है। यह कार्य जिले के लगभग दो दर्जन से अधिक गांवों में हो रहा है। एक ट्रॉली रेती की कीमत करीब दो हजार रुपए है। इस हिसाब से महीने में अवैध रेती का कारोबार करोड़ों का है। 2010 में यमुना रेत के ठेके नहीं...

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ब्रह्मेश्वर मुखिया के बाद अब इंदुभूषण को राष्ट्रवादी किसान संगठन की कमान

पटना.प्रतिबंधित रणवीर सेना के संस्थापक ब्रह्मेश्वर सिंह मुखिया के छोटे पुत्र इंदुभूषण को राष्ट्रवादी किसान संगठन का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है। भोजपुर जिले के खोपीरा गांव में बुधवार को मुखिया के श्राद्धकर्म के बाद देर शाम संगठन के नए अध्यक्ष के रूप में इंदुभूषण के नाम की घोषणा की गई। अध्यक्ष चुने जाने पर उन्होंने कहा कि वह इस जिम्मेदारी पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे। उन्होंने धन, धर्म...

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भड़की चिंगारी: अपनी ही जमीन पाने के लिए सड़क पर आए तीन हजार किसान-मछुआरे - विनोद यादव

रत्नागिरी (महाराष्ट्र). जैतापुर न्यूक्लियर पॉवर प्रोजेक्ट (जेएनपीपी) के खिलाफ विरोध की चिंगारी एक बार फिर भड़क उठी है। बुधवार को करीब तीन हजार किसानों-मछुआरों ने अपने पशुओं के साथ प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित की गई अपनी जमीन पर कब्जा लेने का असफल प्रयास किया। कोंकण एंटी-न्यूक्लियर पॉवर प्रोजेक्ट कमेटी के पदाधिकारी प्रदीप इंदुलकर का कहना है कि पुलिस ने शांतिपूर्ण ढंग से अपनी जमीन वापस लेने के लिए प्रदर्शन कर रहे...

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हाय यूपीः खाप पंचायत के फरमान पर खाली हुआ गांव, पुलिस बेबस

मुजफ्फरनर. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रबुद्धनगर जिले में एक प्रेमी युगल के फरार होने की कीमत एक पूरे समुदाय को चुकानी पड़ी है। थानाक्षेत्र फुगाना के लिसाढ़ गांव का एक प्रेमी जोड़ा चार दिन पहले फरार हो गया था जिसके बाद से ही गांव में तनाव व्याप्त है। खाप पंचायत के जरिए तनाव को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश भी की जा रही है।  प्रेमी-प्रेमिका के अलग-अलग समुदाय का होने के कारण...

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अब हर महीने मनेगी बेटी के जन्म की खुशी

बेटियों की घटती संख्या ने सबको चिंता में डाल दिया है. ऐसे में मंडोर पंचायत समिति के दईकड़ा गांव में एक नयी मुहिम शुरू हुई. बेटी का मान बढ़े, इसलिए गांव में बालिका जन्मोत्सव मनाया गया. इस दौरान पंच-सरपंचों ने सामूहिक रूप से फैसला किया कि अब हर महीने की पांच तारीख को गांव में बालिका जन्मोत्सव मनाकर खुशियां मनायी जायेंगी. इसमें बेटी और उनकी माताओं को सम्मानित किया जायेगा. इसके...

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