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दस साल में तीन गुना बढ़ी भारतीयों की औसत संपत्ति

दिल्ली. देश में भले ही बड़ी संख्या में गरीब रहते हों, लेकिन प्रति भारतीय औसत संपत्ति विगत दस वर्षो में तीन गुनी बढ़कर 5,500 डॉलर (करीब 2.70 लाख रुपए) हो गई है। इसी के साथ कुल वैश्विक संपत्ति में सबसे अधिक योगदान देने वाले देशों की सूची में भारत छठे पायदान पर आ गया है। इसके बावजूद भारतीयों की औसत संपत्ति 51 हजार डॉलर के इसके वैश्विक आंकड़े की तुलना में काफी कम...

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नीतीश की 'सेवा यात्रा' तो लालू की 'गांव-गांव यात्रा'

बिहार से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवणी की 'जन चेतना यात्रा' के बाद अन्य राजनेताओं की भी यात्राओं का दौर प्रारम्भ हो गया है। अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नौ नवंबर से 'सेवा यात्रा' पर निकलने वाले हैं तो राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने 'गांव-गांव यात्रा' करने की घोषणा कर दी है। राजद की 'गांव-गांव यात्रा' गया जिले से प्रारम्भ होने वाली है...

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कथा बीपीएल-क्लब की - ज्यां द्रेज

झारखंड के लातेहार जिले के डबलू सिंह के परिवार की दुर्दशा वर्तमान खाद्य-नीतियों की विसंगतियों को जितनी मार्मिकता से उजागर करती है उतनी शायद कोई और बात नहीं करती। जीविका के लिए मुख्य रुप से दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर आदिवासी युवक डबलू, तकरीबन दो साल पहले,  काम करते वक्त छत से गिर पडा और उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई।  जीवनभर के लिए अपंग हो चुके डबलू को हर वक्त...

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अपनी त्रासदियों से आजादी के इंतजार में आदिवासी : रामचंद्र गुहा

एक साल पहले तकरीबन इन्हीं दिनों में राहुल गांधी ने ओडिशा में कुछ आदिवासियों से कहा था कि वे दिल्ली में उनकी लड़ाई लड़ेंगे। नियमगिरि के डोंगरिया कोंड आदिवासी बिसार दिए गए और अब राहुल का फोकस यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर नोएडा के जाट किसानों व अन्य समूहों की ओर हो गया है। राहुल गांधी का यह व्यवहार समूचे राजनीतिक वर्ग के चरित्र को प्रदर्शित करता...

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‘शिक्षा’ की ‘व्यवस्था’ से अनबन भला क्यों?- मदन कलाल

भास्कर ब्लॉग. . मैं इन दिनों शिक्षा और व्यवस्था के फेर में बुरी तरह उलझा हुआ हूं। समझ नहीं आता शिक्षा की मेरी सोच गलत है या शिक्षा व्यवस्था की उनकी यानी स्कूलों की सोच। मेरे हिसाब से शिक्षा और व्यवस्था दो भिन्न और यहां तक कि विपरीत चीजें हैं। शिक्षा यानी हर दिन, हर पल, हर गुजरते क्षण से कुछ नया सीखना और व्यवस्था यानी बनी-बनाई लीक, र्ढे पर चलना।...

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