नई दिल्ली। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस लिस्ट में भारत की रैकिंग को सुधारने के ठीक बाद वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर और सरकार की ओर से किए गए अन्य सुधारों के चलते अगले तीस सालों में भारत उच्च मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्था होगा। बीते तीन दशकों में किए गए सुधारों और प्रति व्यक्ति आय में हुए इजाफे ने इस संभावना को जोर दिया है। ईज ऑफ...
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आर्थिक सुधारों की कठिन राह पर-- एन के सिंह
आर्थिक फैसले पूरी स्फूर्ति से लिए जा रहे हैं। भले ही अभी हम नोटबंदी और जीएसटी की बहस में उलझे हुए हों, मगर हाल ही में सरकार ने अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए कई आर्थिक उपायों की घोषणा की है। ये कई लक्ष्यों को हासिल करने के इरादे सेप्रेरित हैं। एक कहावत है कि बुराई को मजबूती तब मिलती है, जब हम कोई फैसला नहीं कर पाते या दूसरों...
More »35 किलो चावल के लिए चार दिन सफर करते हैं ग्रामीण
भोपालपटनम। बीजापुर जिले के भोपालपटनम ब्लॉक के सेंड्रा पंचायत के तीन सौ से अधिक परिवारों के लोग 35 किलो चावल के लिए चार दिन का सफर तय कर रहे हैं। दो अन्य पंचायतों के लोगों का भी यही हाल है। 2005 में सलवा जुडूम शुरू होने के बाद भोपालपटनम ब्लॉक के तीन पंचायतों सेंड्रा, बड़ेकाकलेड व एड़ापल्ली के सरकारी राशन दुकानों को ब्लॉक मुख्यालय में शिफ्ट किया गया था। इन तीन...
More »मिलीजुली राजनीति में फंसा मोदी का अर्थशास्त्र--- शेखर गुप्ता
जोसेफ हेलर के प्रसिद्ध उपन्यास कैच-22 में लेफ्टिनेंट मायलो माइंडरबाइंडर का चरित्र खुद से कारोबार करके ख्याति अर्जित करता है। वह खुद से इस तरह कारोबार करता कि लेन-देने के चक्र में शामिल हर व्यक्ति को मुनाफा होता, जो अंतत: सरकार की जेब से ही आता है। वह किसी चीज की पूरी सप्लाई खरीद लेता जैसे एक गांव के सारे अंडे, टमाटर खरीद लिए और फिर अपनी ही फौजी यूनिट...
More »इस तकनीक से खेती कर गरीबी दूर कर रहा कवर्धा का किसान
कवर्धा। किसान बजरहा ने अपने बाड़ी में कुआं क्या खुदवायां उससे उनकी तकदीर ही बदल गई। साल भर काम की तलाश में भटकने वाला यह किसान अब दूसरों को रोजगार देने लगा है। कुआं खुदवाने से उन्हें सिंचाई का साधन मिल गया है। धान का फसल लेने के बाद अब गर्मी में गेहूं का फसल लेता है और साग-सब्जियां की खेती भी करता है। उसे कुआं खुदवाने में सरकार की ओर...
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