खंडवा। भीषण जलसंकट से जूझ रहे लोगों को अपने हिस्से का पानी सहेजने की प्रेरणा नईदुनिया अभियान से मिल रही है। इसी कड़ी में खालवा क्षेत्र के दूरस्थ ग्राम बूटी में आदिवासी तालाब गहरीकरण के लिए श्रमदान में जुटे हैं। स्पंदन समाजसेवा समिति के सीमा प्रकाश ने बताया कि ग्राम बूटी पंचायत धामा का दूरस्थ ग्राम है। यहां 162 घर हैं। आबादी 553 है। इसमें 113 घर कोरकू जनजाति के...
More »SEARCH RESULT
11 बीघा से नहीं मिला दाना, किसान ने लगा ली फांसी
सूखे में फसल की बर्बादी और कर्ज की चिंता में एक किसान ने फांसी लगाकर जान दे दी। वह अंत्योदय कार्डधारक भी था। उसकी 11 बीघा जमीन में अनाज का एक दाना भी नहीं हुआ था। नरैनी तहसील क्षेत्र के महुई गांव के मजरा धोबिन पुरवा, फतेहगंज निवासी मोहन (35) पुत्र महिपाल ने मंगलवार रात घर के खपरैल में रस्सी बांधकर फांसी लगा ली। घटना के समय घर के सभी लोग...
More »सूखे पर सख्त सुप्रीम कोर्ट, राज्य और केंद्र को दिए कड़े निर्देश
सूखे पर सख्त रुख अपनाते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि केंद्र सरकार जल्द मनरेगा का पैसा जारी करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है मनरेगा ठीक से लागू नहीं है। कोर्ट की ओर से कहा गया है कि गर्मी की छुट्टियों में भी सूखा प्रभावित क्षेत्रों में बच्चों को स्कूल की ओर से मिड डे मील योजना के अंतर्गत भोजन उपलब्ध कराया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा...
More »इंद्र भरोसे खेती, पर कब तक--- बिभाष
हरित क्रांति के मसीहा डॉ नॉर्मन बोरलॉग ने साठ के दशक में बौनी प्रजाति के अधिक उपज वाले गेहूं की ईजाद की. सभी देशों की तरह भारत में भी उस गेहूं की खेती शुरू की गयी. बौनी प्रजाति के गेहूं ने उस वक्त की राजनीति गढ़ने का भी काम किया, जिस पर बहस और शोध होना चाहिए. देखते-देखते गेहूं की उपज दूनी हो गयी. सन् 1959-60 में जो गेहूं...
More »बायो तकनीकी खेती : स्वास्थ्य चिंताओं के बीच फील्ड ट्रायल की मंजूरी
स्वास्थ्य और पर्यावरण पर संभावित असर को लेकर जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएम) खेती के समर्थन और विरोध में जारी बहस के बीच केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने फील्ड ट्रायल के लिए आये प्रस्तावों में से करीब 80 फीसदी को हाल में हरी झंडी दे दी है. मई, 2014 में केंद्र में एनडीए सरकार के गठन के बाद से इस संदर्भ में हुई आठ बैठकों के बाद पिछले दिनों यह मंजूरी दी गयी. ...
More »