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असहमति के अस्वीकार का दौर-- पवन के वर्मा

यह तो मैं समझ सकता हूं कि अपने देश में कुछ लोग उमर खालिद से इत्तिफाक नहीं रखते. मैं यह स्वीकार करने को भी तैयार हूं कि कुछ लोगों के अनुसार उसके विचार राष्ट्रविरोधी हैं. लेकिन, जो कुछ मैं नहीं समझ सकता, वह यह कि चूंकि ये लोग उससे सहमत नहीं हैं, इसलिए वे उसे बोलने नहीं देंगे. और मुझे यह भी मंजूर नहीं कि देशभक्त होने की परिभाषा राष्ट्रीयता...

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लोकतंत्र पर उठते सवाल-- अनुपम त्रिवेदी

देश में चुनावी माहौल है. कुछ प्रदेशों में चुनाव हो रहे हैं और कुछ में शीघ्र होनेवाले हैं. लगभग हर छह माह में कहीं न कहीं चुनाव होते हैं और इन्हें लोकतंत्र के पर्व की संज्ञा दी जाती है. भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक कैलेंडर में यूं ही रोज कोई न कोई त्योहार होता है. उन त्योहारों में चुनाव रूपी यह सरकारी त्योहार भी जुड़ गये हैं. सभी यह त्योहार...

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नर्सरी दाखिला: वोट की राजनीति के लिए नेबरहुड की नीति लागू कर रही है सरकार

सरकारी जमीन पर बने निजी स्कूलों ने नर्सरी कक्षा में दाखिला के मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट में केजरीवाल सरकार पर वोट की राजनीति करने और इसके लिए स्कूलों को इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। स्कूलों ने कहा कि सरकार ने दाखिले के लिए नेबरहुड की नीति लागू करने का फैसला राजनीतिक कारणों से लिया है। जस्टिस मनमोहन के समक्ष स्कूलों ने कहा कि सरकार नेबरहुड नीति इसलिए लागू कर रही...

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बजट में हुई अनदेखी का अर्थ-- डा. भरत झुनझुनवाला

वित्त मंत्री ने बजट में सरकार के पूंजी खर्चों को बढ़ाने की बात कही है. ग्रामीण सड़क एवं विद्युतीकरण जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं में निवेश बढ़ाया गया है. यह कदम सही दिशा में है. इस दिशा में पहली चुनौती कार्यान्वयन की है. एनडीए सरकार के अब तक के प्रथम तीन वर्षों में सरकार के पूंजी खर्चों में गिरावट आयी है. यह क्षम्य है, चूंकि बीत वर्षों में सरकार पर सातवें वेतन आयोग...

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राजतंत्र से जनतंत्र तक-- संदीप मानुधने

जब अंगरेज भारत छोड़ कर गये, उन्होंने वे सभी प्रयास प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से किये, जिससे उपमहाद्वीप में सदा के लिए दरारें पड़ी रहें. अंगरेजों की दिली तमन्ना थी कि भारत टुकड़े-टुकड़े हो जायेगा, क्योंकि इसे एक करनेवाला कोई है ही नहीं. लेकिन, उनके मंसूबों पर भारत के नेताओं ने पानी फेर दिया. सरदार पटेल ने पूरे देश को एक सूत्र में बांध दिया, पंडित नेहरू ने एक लोकतांत्रिक...

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