भोपाल, हरेकृष्ण दुबोलिया। साल भर पहले जिन पीडीएस की दुकानों से लोगों यह कर लौटा दिया जाता था कि राशन नहीं है बाद में आना,अब उन्हीं दुकानों में ना केवल भरपूर राशन है बल्कि हर महीने बच भी रहा है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में आधारबेस्ड सिस्टम लागू होने के बाद प्रदेश में एक साल में पीडीएस की कालाबाजारी पर काफी हद तक रोक लगी है। अब प्रदेश में हर महीने न...
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बजट में हुई अनदेखी का अर्थ-- डा. भरत झुनझुनवाला
वित्त मंत्री ने बजट में सरकार के पूंजी खर्चों को बढ़ाने की बात कही है. ग्रामीण सड़क एवं विद्युतीकरण जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं में निवेश बढ़ाया गया है. यह कदम सही दिशा में है. इस दिशा में पहली चुनौती कार्यान्वयन की है. एनडीए सरकार के अब तक के प्रथम तीन वर्षों में सरकार के पूंजी खर्चों में गिरावट आयी है. यह क्षम्य है, चूंकि बीत वर्षों में सरकार पर सातवें वेतन आयोग...
More »कभी अंधेरा, तो कभी टापू में बसर करते है खरगोन जिले में वड़ियावासी
खरगोन/भगवानपुरा। विवेक वर्द्धन श्रीवास्तव/इसहाक पठान। विकसित प्रदेश का ढिंढोरा पीटने वाली सरकारें शहर से कभी ग्रामीण क्षेत्र में झांककर नहीं देख सकी। खरगोन जिले के कई पिछड़े गांवों में से एक गांव है वड़िया। भगवानपुरा जनपद अंतर्गत गोपालपुरा पंचायत का हिस्सा वड़िया आज भी पिछड़ेपन की जिंदगी जीने को बेबस है। पिछले 70 सालों में कोई 700 आवेदन दिए। नतीजा सिफर रहा। यहां न पर्याप्त बिजली है और ना सड़क। अस्पताल...
More »यह हिंसा विकास को रोकती है-- जयति घोष
भारतीय समाज में औरतों के खिलाफ जारी, बल्कि बढ़ती हुई हिंसा को लेकर चिंतित और भयभीत होने की कई सारी वजहें हैं। निस्संदेह, यह कोई नया लक्षण नहीं है, क्योंकि ऐसी हिंसा भारतीय समाज में ढांचागत और स्थानीय, दोनों रूपों में हमेशा से मौजूद रही है। हमें इस तरह की दलील भी सुनने को मिलती है कि इन दिनों ऐसी अनेक घटनाएं हमें इसलिए सुनने को मिल रही हैं, क्योंकि...
More »चुनावी साल में यूपी, उत्तराखंड और पंजाब में मनरेगा में आया उछाल
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में अगले महीने चुनाव होने वाले हैं। इसी बीच एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। इन तीनों राज्यों में अचानक से मनरेगा के तहत रोजगार लेने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है। एक अधिकारी के मुताबिक तीनों राज्यों में चालू वित्त वर्ष में इन आंकड़ों में बढ़ोत्तरी हुई है जो कि पिछले वित्त बर्ष में मनरेगा के तहत रोजगार पाने वालों की तुलना...
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