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यूपीए का मिशन 2014:अब गरीबों को मुफ्त मोबाइल व टैबलेट!

नयी दिल्ली:केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन (यूपीए) सरकार मिशन 2014 के तहत गरीबों को लुभाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती. एक अंगरेजी अखबार में प्रकाशित खबर के अनुसार सरकार अब गरीबों को लगभग मुफ्त मोबाइल फोन और टैबलेट देने की योजना बना रही है. बताया जा रहा है कि योजना के तहत गरीबों को 2.5 करोड़ मोबाइल व 90 लाख टैबलेट बांटे जायेंगे. योजना पर 7860 करोड़ रु पये...

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कैश ट्रांसफर पॉलिसी : अनाज नहीं, नकद खाएं - सचिन कुमार जैन

बड़ी हलचल है। प्रचार हो रहा है हम आधार से आपको पहचान देंगे और अब योजनाओं आपको परेशानी न होगी, क्योंकि अब आपको सेवाओं के बदले नकद राशि देंगे। आप पहचान के लिए विशेष पहचान क्रमांक लीजिए और हम आपको फायदा देंगे। रुकिए! यह भी जान लीजिए कि आधार पंजीयन का मतलब यह नहीं है कि आपको योजनाओं का लाभ मिल ही जाएगा। सच यह है कि अब आपने आपको...

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पर्यावरण भी हो विकास का मानक- अनिल पी जोशी

हमने विकास का सबसे बड़ा मापदंड सकल घरेलू उत्पाद की दर को माना है। किसी भी देश की प्रगति उसकी जीडीपी के आधार पर तय की जाती है। इसमें उद्योग, सुविधाएं, रियल इस्टेट बिजनेस, सेवाएं आदि मुख्य रूप से आते हैं। सही मायने में खेती को ही जीडीपी या उत्पादन की श्रेणी में आना चाहिए, क्योंकि अन्य उत्पाद हमारी सुविधाओं से जुड़े हैं, न कि आवश्यकताओं से। विकास की मौजूदा अवधारणा...

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मीडिया-मनोरंजन क्षेत्र में 15 फीसदी वृद्धि की आस

मुंबई। भारत में मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्र में 2011 में 12 फीसद वृद्धि दर्ज की गई है। इसके साथ ही यह वृद्धि 72,800 करोड़ रुपए पर पहुंच गई। 2016 तक इसकी समेकित वृद्धि 15 फीसद होने की उम्मीद है। यह बात फिक्की-केपीएमजीकी ताजातरीन रपट में कही गई है। केपीएमजी के मीडिया और मनोरंजन प्रमुख जेहिल ठक्कर ने कहा कि मीडिया और मनोरंजन उद्योग के आधार में उल्लेखनीय बदलाव होना...

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रेणु के गांव में आज भी जिंदा हैं ‘मैला आँचल’ के पात्र- संजीव चंदन की रिपोर्ट(तहलका)

पूर्णिया में प्रगतिशील लेखक संघ के राज्य अधिवेशन में शिरकत करने के दौरान रेणु जी के गाँव जाना संभव हुआ. औराही हिंगना  को, रानी गंज के इलाके  ( मैला आँचल में मेरीगंज ) को, जहाँ फणीश्वर नाथ रेणु का पुश्तैनी घर है, जो मैला आँचल और परती-परिकथा सहित उनकी कई कहानियों की आधारभूमि है,  जहां पंचलैट के टोले हैं, जहाँ तीसरी कसम  के जीवंत पात्र और कसबाई तथा ग्रामीण समाज ...

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