-जनपथ, 88वां दिन, 20 फरवरी 2021 एक तरफ सरकार गलत फॉर्मूला जोड़ कर कम MSP देती है दूसरी तरफ दिनों दिन बढ़ती तेल की कीमतें भी इनपुट लागत बढ़ा रही है। किसानों के साथ साथ देशभर के आम नागरिकों को भी पेट्रोल, डीजल, एवं गैस की बढ़ती कीमतों से भारी नुकसान होगा। बढ़ती कीमतों के खिलाफ देशभर में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। AIKKMS ने हरियाणा के झज्जर एवं रेवाड़ी में पेट्रोल...
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यदि किसानों के प्रदर्शन को वैश्विक स्तर पर उठाना राजद्रोह है, तो मैं जेल में ही ठीक हूं : दिशा रवि
-न्यूजक्लिक, जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि के वकील ने शनिवार को दिल्ली की एक अदालत से कहा कि यह प्रदर्शित करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं है कि किसानों के प्रदर्शन से जुड़ा ‘टूलकिट’ 26 जनवरी को हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार है। अदालत ने उसकी जमानत याचिका पर अपना आदेश मंगलवार के लिए सुरक्षित रख लिया। दिशा ने अपने वकील के जरिए अदालत से कहा, ‘‘यदि किसानों के प्रदर्शन को वैश्विक स्तर...
More »दिल्ली की हवा को जानलेवा बना रहे हैं ये खतरनाक तत्व
डाउन टू अर्थ, पोटेशियम, सिलिकॉन, एल्यूमीनियम, क्लोरीन और कैल्शियम जैसे तत्व दिल्ली की हवा को जानलेवा बना रहे हैं। यह जानकारी हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ सरे के ग्लोबल सेंटर फॉर क्लीन एयर रिसर्च (जीसीएआरई) द्वारा किए शोध में सामने आई है। जिसे यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम, नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली के सहयोग से किया गया है। दिल्ली की हवा में मौजूद हानिकारक तत्वों की उपस्थिति और...
More »‘चीन का हाथ’, SYL प्रदर्शन- किसान आंदोलन पर हरियाणा के कृषि मंत्री के बोल खट्टर के लिए बने सिरदर्द
-द प्रिंट, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को किसानों का आंदोलन राज्यभर में फैलने के कारण तो दबाव झेलना ही पड़ रहा है, उन्हें एक और मोर्चे पर भी जूझना पड़ रहा है—यह हैं उनके कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल जो लगातार शर्मिंदगी का सबब बन रहे हैं. सितंबर में किसानों के सड़कों पर उतरने के बाद से उनके आंदोलन को पटरी से उतारने की कोशिश में जुटे दलाल कुछ न कुछ...
More »पर्यावरण रक्षक खेती है बारहनाजा - बाबा मायाराम
इन दिनों दिल्ली में किसान आंदोलन चल रहा है। खेती-किसानी की चर्चा चल रही है। इस समय तीन नए कृषि कानून व न्यूनतम समर्थन मूल्य के अलावा खेती के व्यापक पहलुओं पर भी बात करना भी जरूरी है। मिट्टी- पानी, जैव विविधता व पर्यावरण रक्षक खेती की चर्चा भी जरूरी है। इनमें से एक है उत्तराखंड की पारंपरिक कृषि पद्धति है, जो मिट्टी-पानी व जैव विविधता का संरक्षण करते हुए...
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