जंगली जानवरों में अकेले नीलगाय 20 से 60 प्रतिशत तक फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं जिससे किसानों को भारी क्षति होती है। उन्हें कोई मुआवजा भी नहीं मिलता है जबकि हाथी , जंगली सूअर , भालू , बंदर और लंगूर के कारण बागवानी और अन्य फसलों को क्षति पहुंचती है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा जंगली जानवरों से फसलों को होने वाले नुकसान को लेकर मोटे तौर पर किये...
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जरूरी है जूट को सरकारी संरक्षण-- पंकज चतुर्वेदी
सीएसीपी यानी कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की ताजा सिफारिशें जूट के किसानों के लिए आफत बन सकती हैं। आयोग का कहना है कि चीनी मिलों में शत-प्रतिशत जूट के बोरे के इस्तेमाल की मौजूदा नीति को बंद कर दिया जाए तथा खाद्य पदार्थों में नब्बे फीसद जूट की अनिवार्यता को पचहत्तर फीसद किया जाए। अगर ऐसा हुआ तो बंगाल का जूट किसान भूखों मर जाएगा। यही नहीं, जूट कारखानों व...
More »पशुप्रेम पर साझा सोच जरूरी-- पवन के वर्मा
हाल में पशुओं की संख्या कम करने के लिए उन्हें मारे जाने के सवाल पर मैं एक टीवी चैनल के पैनल डिस्कशन में शामिल था. पशुओं के हक के लिए मुखर रहनेवाली मेनका गांधी ने पशुओं को मारने की छूट देने को लेकर कैबिनेट साथी पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर पर सार्वजनिक तौर पर सवाल उठाया था. जावेड़कर ने कुछ राज्य सरकारों को ऐसे पशुओं को एक खास समयावधि तक मारने की...
More »वायरस की चपेट में टमाटर, दाम बढ़ने पर भी किसानों को करोड़ों का नुकसान.
नई दिल्ली। देश के विभिन्न राज्यों में पैदावार घटने से टमाटर की कीमतें अचानक आसमान चढ़ गईं। कीमतें चौगुनी होने के बावजूद किसान लागत तक वसूल नहीं कर पा रहे. प्रति एकड़ 50 हजार तक का नुकसान सूखे से देश भर में प्रभावित हुई तमाम फसलों में से टमाटर भी अछूतानहीं रहा। मार्च, अप्रैल और मई में पड़ी बेतहाशा गर्मी से टमाटर की फसल खराब हो गई। एक अनुमान के...
More »हिमाचल में बंदर हिंसक जानवर घोषित, उन्हें मारने की इजाजत
पर्यावरण मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश में रीसस मकाक बंदरों को एक साल के लिए हिंसक जानवर घोषित किया है और इस अवधि में उनकी संख्या नियंत्रित करने के लिए उन्हें मारने की अनुमति होगी। पिछले महीने जारी इस अधिसूचना में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश ने इलाके में जंगल से बाहर इस प्रजाति द्वारा बड़े पैमाने पर कृषि को नष्ट करने समेत जानमाल को भारी नुकसान पहुंचाने की खबर दी...
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