देश की शिक्षा व्यवस्था का आधार स्कूली शिक्षा मानी जाती है. बच्चों के प्रारंभिक ज्ञान की नींव स्कूली शिक्षा होती है. हमारे स्कूलों में हो रही पढ़ाई और उसमें पढ़ने आने वाले बच्चों की स्थिति क्या है? वो कितनी कारगार है और इसमें कितनी सुधार की गुंजाइश है। इसको लेकर शिक्षा की स्थिति पर सर्वे करने वाली संस्था ‘प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन' ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट ‘असर' यानी एनुअल स्टेटस ऑफ...
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रांची : सरकारी स्कूलों की कक्षा दो के 32.2% बच्चे नहीं पहचानते अक्षर, सात के 75% नहीं बना पाते घटाव
रांची : राज्य में शिक्षा विभाग के काफी प्रयास के बाद भी स्कूली बच्चों के शैक्षणिक स्तर में आशा के अनुरूप सुधार नहीं हो पा रहा है. असर 2018 के जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले कक्षा एक के आधे से अधिक बच्चे अक्षर भी नहीं पहचान पाते हैं. सर्वे में राज्य के 24 जिलों के 720 गांव के 14423 घर...
More »पुलिस के अच्छे काम की प्रशंसा भी हो-- क्षमा शर्मा
हाल ही में संत कबीर नगर में फलक नाम की एक साढ़े तीन साल की बच्ची पूछते-पूछते पुलिस थाने पहुंची। उसने रास्ते में एक महिला से पूछा कि पुलिस का घर कहां है। शाम को जब यह बच्ची थाने पहुंची तो पुलिस वाले भी हैरान रह गए। उसने पुलिस से शिकायत की कि वह चलकर उसकी अम्मी को डांटें क्योंकि वह भाई को ज्यादा प्यार करती है, उसे नहीं। उसे...
More »अब 5वीं और 8वीं में भी बच्चों को फेल कर सकेंगे राज्य
राज्य सरकारों को पांचवी और आठवीं कक्षा में परीक्षा आयोजित कराने का अधिकार देने वाला ‘नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (दूसरा संशोधन) बिल- 2017' गुरुवार को राज्यसभा से पारित हो गया। विधेयक लोकसभा से बीते मानसून सत्र में पारित हो चुका था। अब इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। संशोधित विधयेक में कक्षा में अनुत्तीर्ण होने की स्थिति में बच्चों को कक्षा में रोकने या नहीं...
More »पोषण और अंडे का संघर्ष- ज्यां द्रेज
बच्चों को लेकर भारत में एक बड़ा विरोधाभास दिखायी देता है. एक तरफ, घर में बच्चों को बहुत प्रेम किया जाता है. दूसरी तरफ, लोक-नीति में बच्चों पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है. आज भी गरीब बच्चों को न सही शिक्षा मिल रही है, न स्वास्थ्य सुविधा और न ही पोषण. इसके कारण बांग्लादेश और नेपाल की तुलना में भारत के बाल विकास से संबंधित आंकड़े कमजोर हैं. इससे...
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