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“आम आदमी को नहीं मालूम कि कांग्रेस की विचारधारा क्या है”, दार्शनिक राठौड़

आकाश सिंह राठौड़ दार्शनिक हैं, जिन्होंने भारतीय राजनीतिक विचार, न्यायशास्त्र, मानव अधिकारों और दलित नारीवादी सिद्धांत के दर्शन पर काम किया है. राठौड़ ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, बर्लिन विश्वविद्यालय और न्यू जर्सी स्टेट यूनिवर्सिटी में अध्यापन किया है. फिलहाल वह रोम (इटली) के लुइस विश्वविद्यालय से संबद्ध एथोस नामक थिंक टैंक से जुड़े हैं. वह रीथिंकिंग इंडिया श्रृंखला के संपादक हैं जो 14 संस्करणों का एक संग्रह है....

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नोबेल, गरीबी और आंबेडकर -- श्योराज सिंह बेचैन

भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी, फ्रांस मूल की उनकी शोध छात्रा रही पत्नी एस्टर डफ्लो और अमेरिकी अर्थशास्त्री माइकल क्रेमर, तीनों को संयुक्त रूप से नोबेल सम्मान मिलने के बाद से खासकर भारत की गरीबी को लेकर बहस छिड़ गई है। वह इसलिए भी कि जिस देश का एक पांव तरक्की के चांद पर पहुंचने को आतुर हो, उसका दूसरा पांव गरीबी की दलदल में गहरे फंसा हो, तो उसके...

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असम में कुछ नहीं हासिल हुआ तो देश भर में एनआरसी से क्या हासिल होगा?-- कृष्ण प्रताप सिंह

कोई भी समस्या हो और वह कितनी भी जटिल क्यों न हो, सरकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे नागरिकों को उसके समाधान के प्रति आश्वस्त रखेंगी. वे ऐसा करती हैं तो इसका सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि बेवजह के अंदेशे नहीं फैलते. साथ ही उन्हें लेकर उद्वेलित तबकों में ऐसे विश्वास का संचार होता है जो उन्हें सच्चे झूठे भयों से पीड़ित होने से बचाता है....

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अराजक राहों पर राहत का कानून-- शशिशेखर

दृश्य 1 : हम भागलपुर से पटना लौट रहे हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग-31 पर हमारे आगे एक साइकिल सवार चल रहा है। साइकिल के पीछे कैरियर लगा है, जिस पर ताजा काटी हुई ऐसी वनस्पति लदी है, जो साइकिल के दोनों ओर दो से ढाई फीट तक पसरी हुई है। ऊंचाई इतनी कि साइकिल चालक के कंधे बमुश्किल दिखाई पड़ रहे हैं। उसकी साइकिल की गति इतनी मंथर है कि लड़खड़ाकर...

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रैंकिंग में और पिछड़ी उच्च शिक्षा -- हरिवंश चतुर्वेदी

भारत सरकार द्वारा देश के विश्वविद्यालयों को स्पद्र्धा-योग्य बनाने के प्रयासों को ब्रिटेन की ‘टाइम्स हायर एजुकेशन' द्वारा घोषित 2020 की विश्वविद्यालय रैंकिंग सूची से धक्का लगा है। पिछले एक दशक से मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे थे, ताकि भारत के नामचीन विश्वविद्यालय शीर्ष स्तर पर जगह बना सकें। पिछले साल लागू की गई इंस्टीट्यूट ऑफ एमीनेंस (आईओई) नामक बहुचर्चित योजना का तो यह प्रमुख लक्ष्य...

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