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हर तीसरे दिन रेप चौथे दिन मर्डर

बिलासपुर. महिला उत्पीड़न रोकने के तमाम दावे खोखले नजर आते हैं, जब ऐसे मामलों का आंकड़ा सामने आता है। जिले में महिला प्रताड़ना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। 2008 से अब जिले के विभिन्न थानों में महिलाओं से संबंधित करीब 1609 मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस सहित महिला उत्पीड़न निवारण समिति को इन पर अपराध रोकने की जिम्मेदारी है, पर दोनों असरहीन रहे हैं। अधिकांश मामले तो महिला थाने तक पहुंच ही नहीं...

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महिलाओं के लिए जेल भी है असुरक्षित

नई दिल्ली महिलाओं की आबरू पुलिस की हिरासत या फिर जेल में भी सुरक्षित नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस चौंकाने वाले तथ्य को उजागर करते हुए माना है कि न केवल पुलिस हिरासत बल्कि चौबीस घंटे पहरेदारी में रहने वाली जेल में भी महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले होते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2006 -07 मंे जेल में महिलाओं के साथ दुष्कर्म के दो मामले प्रकाश...

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बिहार श्रमिक महिला आयोग का गठन शीघ्र: मुख्यमंत्री

पटना राज्य के असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं की स्थिति जानने के लिए सरकार शीघ्र ही बिहार श्रमिक महिला आयोग का गठन करेगी। आयोग निर्धारित अवधि में असंगठित क्षेत्र की महिलाओं की स्थिति का अध्ययन कर, अपना सिफारिश सरकार को देगा। आयोग की सिफारिशों पर सरकार समुचित रूप से कदम उठायेगी। ये बातें सोमवार को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सामाजिक संगठन सेवा की ओर से श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में आयोजित समारोह में...

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वेश्यावृत्ति से मुक्त हुई बच्चियों का पुनर्वास हो

नई दिल्ली, [जागरण ब्यूरो]। बाल वेश्यावृति पर गंभीर चिंता जताते हुए कोर्ट ने सरकार से उनका ठीक-ठाक पुनर्वास करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि उन्हें मुक्त करा कर गलियों में छोड़ देने से कुछ नहीं होगा। जब तक उनके पुनर्वास का ठीक-ठाक इंतजाम ना हो, सरकार उनकी शिक्षा और आश्रय का इंतजाम करे। कोर्ट ने ये टिप्पणियां बाल मजदूरी, वेश्यावृति और अंगों के व्यापार के लिए बच्चों की तस्करी की समस्या पर सुनवाई के...

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निर्भर नहीं, आत्मनिर्भर !- मिहिर शाह

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) क्रांतिकारी जनपक्षधर विकास कार्यक्रमों का वायदा करती है। ग्राम सभा और ग्राम पंचायतों द्वारा उसकी योजना, क्रियान्वयन और जांच-परख से हजारों स्थायी रोजगार पैदा हो सकते हैं। लेकिन नरेगा की लड़ाई बरसों से चले आ रहे एक बुरे अतीत के साथ है। पिछले साठ सालों से ग्रामीण विकास की योजनाएं राज्य की इच्छा और सदाशयता पर ही निर्भर रही हैं। श्रमिकों को दरकिनार करने वाली मशीनों और ठेकेदारों को काम...

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