प्याज, दूध, अंडे, मांस और दाल जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में गिरावट के कारण 16 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में खाद्यान्न मुद्रास्फीति दर घटकर 7.33 फीसदी हो गई। पिछले दो साल में यह खाद्यान्न मुद्रास्फीति की न्यूनतम दर है। खाद्यान्न मुद्रास्फीति दर में लगातार दूसरे सप्ताह आई इस गिरावट से उपभोक्ताओं और इसे नीचे लाने के लिए पिछले डेढ़ साल से भी अधिक समय से कोशिश कर रहे...
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एनसीआर में अभी नहीं बढ़ेंगे दूध के दाम
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है कि मदर डेयरी, अमूल और पारस जैसी दुग्ध उत्पादक कंपनियों ने कहा है कि अभी उनके पास दूध के दाम बढ़ाने की कोई योजना नहीं है। उल्लेखनीय है कि अमूल ब्रांड के नाम से दुग्ध विपणन करने वाले गुजरात कारपोरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन [जीसीएमएमएफ] ने सोमवार को गुजरात में दूध के दाम बढ़ा दिए हैं। इसके बाद दिल्ली और...
More »किताबें जला बनता है मिड-डे-मील!
जालंधर. गोराया. स्थानीय सरकारी प्राइमरी स्कूल गोराया में चूल्हे में किताबें जलाकर बच्चों के लिए मिड-डे-मील बनाने की मामला सामना आया है। घटना की शिकायत थाना गोराया में भी पहुंच चुकी है। खाना बनाने वाली प्रवीण कौर ने आरोप लगाया कि स्कूल की मैडम कथित तौर पर दूध भी जरूरत से कम मंगवाती है और मिड-डे-मील के तहत आने वाले गेहूं में भी घोटाला करती हैं। स्कूल में पक्के तौर पर...
More »असल संत की अंत कथा- आशीष खेतान और मनोज रावत
गंगा को लेकर संतों और खनन माफिया के बीच छिड़ी लड़ाई में उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने एक नहीं बल्कि बार-बार और खुल्लमखुल्ला खनन माफिया का साथ दिया है. स्वामी निगमानंद की मौत के पीछे का सच सामने लाती आशीष खेतान और मनोज रावत की विशेष पड़ताल बाबा रामदेव को ध्यान खींचने की कला आती थी. स्वामी निगमानंद के पास यह हुनर नहीं था. इसलिए एक ओर रामदेव विदेशों में जमा...
More »राजशक्ति बनाम बाबाशक्ति- योगेन्द्र यादव
बेताल ने विक्रमादित्य से पूछा,‘कल तक जो सरकार बाबा रामदेव के सामने बिछी जा रही थी, वही अचानक दल-बल सहित उनके आंदोलन पर चढ़ क्यों बैठी? अगर बाबा लोकशक्ति के प्रतीक हैं तो सरकार की हिम्मत कैसे हुई कि उनके अनशन को तोड़े? अगर बाबा झूठे हैं, तो सरकार उनसे इतनी डरी क्यों थी?’ इक्कीसवीं सदी के बेताल और विक्रमादित्य किसी पेड़ नहीं बल्कि एक बड़ी टीवी स्क्रीन के नीचे...
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