हर तरफ एक घटना स्पष्ट दिखती है- पहले से अधिक संख्या में युवाओं का कट्टरवाद की ओर झुकाव. एक जुड़े हुए विश्व में यह भारी समस्या है, क्योंकि छोटी सी घटना भी सबको दिखने लगती है और तोड़-मरोड़ कर पेश की जा सकती है. एशिया, यूरोप या अमेरिका, सभी जगह नीति-निर्माताओं को चिंता सता रही है कि कैसे इस झुकाव को रोका जाये और सकारात्मकता की ओर मोड़ा जाये. इस...
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अमेरिका ने जताया भारत की विकास दर पर संदेह
वाशिंगटन। भारत की साढ़े सात फीसद आर्थिक विकास दर बढ़ा-चढ़ाकर बताई गई हो सकती है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की एक रिपोर्ट में भारतीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों पर यह संदेह जताया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी सरकार आर्थिक सुधारों के अपने वादों को पूरा करने की दिशा में धीमी रही है। अलबत्ता, इसमें नौकरशाही और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) के क्षेत्र में बाधाओं...
More »राजनीतिक दलों को आरटीआई के दायरे में लाने के लिए सीआईसी सक्षम नहीं: कांग्रेस
छह राष्ट्रीय दलों को आरटीआई कानून के दायरे में लाए जाने के तीन वर्ष बाद कांग्रेस ने सोमवार (20 जून) को केन्द्रीय सूचना आयोग से कहा कि उसके 2013 के पूर्ण पीठ के आदेश को निरस्त किया जाए। पार्टी ने कहा कि वह न तो कोई अदालत है और न ही ऐसा समुचित प्राधिकार है जिसके अधिकारक्षेत्र को चुनौती नहीं दी जा सके तथा उसका आदेश ‘मनमाना एवं गैरकानूनी' है।...
More »टॉपर घोटाले से जुड़े किंतु-परंतु: एनके सिंह
जो छात्र या छात्रा अपने विषय का उच्चारण भी ठीक से न कर पाए, फिर भी वह बिहार बोर्ड में टॉप कर जाए तो यह शिक्षा में भ्रष्टाचार को संस्थागत दर्जा दिलाने, सिस्टम की असफलता और गवर्नेंस में पैदा हुई सड़ांध की ओर इंगित करता है। इस टॉपर घोटाले में अगर किसी स्कूल के मालिक बच्चा राय के साथ बिहार बोर्ड का अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह भी आकंठ डूबा हो, तो...
More »भ्रष्टाचार के पैमाने पर सब समान-- राजदीप सरदेसाई
महाराष्ट्र और पूरे देश में सत्ता का रियल एस्टेट से विवादास्पद रिश्ता रहा है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण एक वाकया बताते हैं कि एक बार उन्होंने मुंबई में बहुमंजिला पार्किंग और अधिक प्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) संबंधी जमीन के नियम बदलने का प्रयास किया, उद्देश्य था अधिक पारदर्शिता लाना। जब प्रस्ताव रखा गया तो कैबिनेट की बैठक में चुप्पी छा गई। चव्हाण ने कहा, ‘कैबिनेट के मेरे कुछ...
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