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आधार पर निराधार हैं आपत्तियां - रविशंकर प्रसाद

देश की विकास यात्रा में आधार क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। यह बिचौलियों व भ्रष्टाचार को खत्म कर गरीबों तक उनका हक पहुंचा रहा है। डिजिटल समावेशन व डिजिटल सशक्तीकरण डिजिटल इंडिया के दो प्रमुख लक्ष्य हैं, जिन्हें हासिल करने में आधार अहम भूमिका निभा रहा है। यह सुरक्षित होने के साथ-साथ डिजिटल इंडिया के परिवर्तनकारी व समावेशी विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक किफायती और सशक्त माध्यम...

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हितों के टकराव और नैतिकता-- वरुण गांधी

साल 1990 की बात है. पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के प्रमुख सचिव रहे बीजी देशमुख ने प्रधानमंत्री से पूछा था कि क्या वह सेवानिवृत्ति के बाद एक बड़ी निजी कंपनी में नौकरी कर सकते हैं- उन्होंने दशकों सरकारी नौकरी की थी और चाहते थे कि इजाजत मिल जाये, तो अब बाहर निकलकर कॉरपोरेट भूमिका निभाएं. दरअसल, हितों के टकराव के मुद्दे को स्वाभाविक रूप से भ्रष्टाचार से जोड़कर देखा जाना चाहिए....

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झारखंड में 3 जिले, 60 ब्लॉक और 1314 पंचायतें खुले में शौच से मुक्त

रांची : झारखंड में 18 लाख से अधिक व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण किया गया है. तीन जिले, 60 ब्लाॅक और 1314 ग्राम पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया है. ये बातें झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र के पहले दिन राज्य विधानसभा में अपने अभिभाषण में कहीं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण, स्वच्छ भारत अभियान, झारखंड कौशल मिशन और जोहार योजना...

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राजनीतिक शक्ति बनें किसान-- राजकुमार सिंह

अगर किसी कृषि प्रधान देश में कृषि और किसान ही संकट में आ जायें तो देश की दशा-दिशा का अंदाजा लगा पाना मुश्किल नहीं होना चाहिए। भारत एक कृषि प्रधान देश है, यह बात दशकों से पाठ्य पुस्तकों में पढ़ायी जाती रही है, क्योंकि लगभग 80 प्रतिशत तक आबादी जीवनयापन के लिए कृषि और उससे जुड़े काम-धंधों पर निर्भर रही है। इसलिए ग्रामीण भारत को ही असली भारत भी कहा...

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बाल मजदूरी की जड़ें--- देवेन्द्र जोशी

भारत में बालश्रम एक समस्या तो है लेकिन विडंबना यह है कि यहां पहले से ही यह मान कर चला जाता है कि बच्चे इसलिए मजदूरी करते हैं कि इससे उनके परिवार का खर्च चलता है। यह तर्क अपने आप में इसलिए छलावा है कि इसको सच मान लेने का मतलब तो यह होगा कि सबसे गरीब परिवार के प्रत्येक बच्चे को स्कूल की पढ़ाई छोड़ कर काम पर लग...

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