2001 की जनगणना के ही अलग-अलग आकड़ों के जोड़-घटाव से एक अहम सवाल उभरता है. पहले आंकड़े के मुताबिक देश के 8 करोड़ 50 लाख बच्चे स्कूल नहीं जाते. दूसरे आंकड़े में 5 से14 साल उम्र के एक करोड़ 30 लाख बच्चे मजदूर हैं. अगर 8 करोड़ 50 लाख में से 1 करोड़ 30 लाख को घटा दें, तो सात करोड़ 20 लाख बचते हैं. यह उन बच्चों की संख्या है...
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कॉमनवेल्थ खेल- दिल्ली से मजदूरों की बेदखली का आयोजन
जिस व्यक्ति, संस्था या विभाग ने तैयारियों में थोड़ा सा भी योगदान किया था कॉमनवेल्थ खेलों के उद्धाटन समारोह लंबे भाषणों में सबको याद किया गया। क्या किसी को इन भाषणों में उन हजारों मजदूरों के लिए भी आभार का एक शब्द सुनाई दिया जिनकी मेहनत से यह विश्वस्तरीय आयोजन संभव हो सका। शायद यह अनजाने में होने वाली भूल हो या फिर यह भी हो सकता है कि ऐसा करना जरुरी ना लगा हो। वैसे भी,...
More »शोषण का खेल चालू है..- शिरीष खरे
राष्ट्रमंडल खेल दिल्ली को दुनिया के बेहतरीन खेल शहरों में शामिल कर जायेंगे. यह अभी तक के सबसे मंहगे राष्ट्रमंडल खेल होंगे. यह अभी तक के सबसे सुरक्षित राष्ट्रमंडल खेल भी होंगे. राष्ट्रमंडल खेलों के सफ़ल आयोजन के साथ ही भारत को एक ओर्थक महाशक्ति के रूप में पेश कर सकेंगे. रुकिए-रुकिए. बड़े-बड़े दावों के बीच से कहीं यह उपलब्धि भी छूट न जाये कि मजदूरों के नाम पर उपकर के...
More »वेदांत- हिन्दुत्व और साम्राज्यवादी मंसूबों का विध्वसंक मिश्रण- रोजर मूडी
विभिन्न देशों के कानून और पर्यावरण नियमों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन करने में वेदांत रिसोर्सेज़ की एक अलग पहचान है. कहने को तो यह कम्पनी एक पब्लिक कम्पनी है मगर इसमें वर्चस्व खुले तौर पर केवल एक व्यक्ति, उसके परिवार और इष्ट मित्रों का ही है. इस कम्पनी को इस बात पर भी नाज़ है कि वह हिन्दुत्व और नव-उदार रूढ़िवादिता में समन्वय स्थापित करती है. परेशानी की बात...
More »खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए व्यापक नीति की जरुरत
नई दिल्ली। उद्योग जगत का कहना है कि देश के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में आने वाले समय में 40 प्रतिशत की धमाकेदार वृद्धि संभावनाओं के बावजूद क्षेत्र में व्यापक राष्ट्रीय नीति और उपयुक्त ढांचागत सुविधाओं सहित कई तरह की चुनौतियां खडी हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंडल [फिक्की] द्वारा इस संबंध में किए गए एक सर्वेक्षण में विभिन्न पक्षों ने 15 तरह की चुनौतियां गिनाई हैं जिनका खाद्य प्रसंस्करण उद्योग...
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