सत्तरह साल की वह किशोरी पश्चिम बंगाल के चौबीस परगना जिले में रहती थी। उसने दसवीं का इम्तिहान दिया था। उसकी दोस्ती एक लड़के से थी। एक दिन जब वह स्कूल से बैंक जा रही थी, रास्ते में उसे वही लड़का मिला। वह उसे अपने साथ ले गया। जब वे रेलवे स्टेशन पहुंचे, तो लड़की को कुछ शक हुआ। उसने भागना चाहा, मगर लड़के ने उसे जबर्दस्ती एक गाड़ी में अपने साथ...
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प्रांतीय गौरव पर सबका हक- रामचंद्र गुहा
कुछ समय पहले कोलकाता के एक अखबार में छपे अपने लेख में मैंने यह तर्क दिया था कि कन्नड़ लेखक, अभिनेता, नर्तक, समाज सुधारक और पर्यावरणविद् शिवराम कारंथ देश की उतनी ही महान शख्सियत थे, जैसे रवींद्रनाथ टैगोर। मैं उनसे मिल चुका हूं। उन्होंने जो कुछ लिखा, उनका तर्जुमा मैंने पढ़ा है। इसके अलावा उनके प्रभावशाली व्यक्तित्व का भी मुझ पर खासा असर रहा है। गिरीश कर्नाड से लेकर यू.आर.अनंतमूर्ति, गिरीश...
More »राजनीतिक विमर्श और जन-स्वास्थ्य- नीकी नैनसी
जनसत्ता 9 मई, 2014 : सोलहवीं लोकसभा के चुनाव अपने आखिरी चरण में हैं, लेकिन अभी तक किसी पार्टी ने सामाजिक विकास को लेकर कोई ठोस बहस या तथ्य पर आधारित चर्चा करने की जरूरत नहीं समझी है। किसी भी पार्टी का घोषणापत्र उठा लें, एक बात पर सभी अपना दावा करते नजर आएंगे- आर्थिक और समेकित विकास। इन भारी-भरकम शब्दों के इस्तेमाल में आपको कोई कटौती नहीं मिलेगी, चाहे...
More »नई ईस्ट इंडिया कंपनी के दौर में- गौतम घोष
जल्दी ही हम नई सरकार चुन लेंगे और देश का अगला प्रधानमंत्री भी। धूमधाम से मतदान का लोकतांत्रिक पर्व निपट जाएगा। आजादी के 67 वर्षों बाद भी हम विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। यह गर्व की बात है। पर आज हमारे सामने चुनौतियां कम नहीं हैं। हम देशवासियों के सामने प्रश्न खड़ा है कि सिर्फ सांविधानिक अधिकारों के प्राप्त हो जाने से ही हमारा संविधान और लोकतंत्र सफल मान लिया...
More »मुखिया की कोशिश से बालश्रम का उन्मूलन
हजारीबाग जिले के कटकमदाग पंचायत का चयन झारखंड की 75 बाल हितैषी अगुवा पंचायत में हुआ है. उन्हें हाल ही में झारखंड पंचायत महिला रिसोर्स सेंटर की ओर से इस संबंध में पत्र मिला है. उन्हें इससे संबंधित प्रशिक्षण के लिए रांची भी बुलाया गया है. लेकिन इस पंचायत की मुखिया प्रियंका कुमारी इस योजना के तहत अपनी पंचायत का चयन किये जाने के पहले से ही बच्चों के लिए...
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