अनूप दुबे, भोपाल। महिलाओं से अपराध के मामले में मध्यप्रदेश (28,678) देश में उत्तरप्रदेश (38,467) और राजस्थान (31,151) के बाद तीसरे नंबर पर है, लेकिन ज्यादती के मामले स्थिति उलट है। देश में सर्वाधिक 5076 अपराध मप्र में ही दर्ज किए गए हैं। इसमें भी सबसे चौकाने वाला तत्थ यह है कि देशभर में 12 से लेकर 18 साल की मासूम सबसे ज्यादा शिकार मप्र में ही बना रही हैं। यह...
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पाटीदार आंदोलन की पृष्ठभूमि को समझिए- आकार पटेल
गुजरात के पाटीदार आंदोलन को समझने के लिए उसकी पृष्ठभूमि को जानना जरूरी है. मंडल कमीशन की सिफारिशें कार्यान्वित किये जाने के पूर्व ही गुजरात में अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के अतिरिक्त अन्य समुदायों के लिए भी आरक्षण लागू हो चुका था. बख्शी कमीशन द्वारा चिह्न्ति सामाजिक तथा आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों के लिए गुजरात में 1970 के दशक में 10 प्रतिशत अतिरिक्त आरक्षण भी दिया गया. इसमें...
More »ख्वाब नहीं, सुविधाएं दीजिए- भरत झुनझुनवाला
केंद्रीय हाउसिंग मंत्रलय ने गरीबों के लिए मकान बनाने को राज्य सरकारों से आग्रह किया है. मंत्रलय ने तीस लाख घर प्रति वर्ष बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस योजना को राज्य सरकारों के माध्यम से लागू किया जायेगा. योजना के अंतर्गत गरीब परिवारों को ब्याज पर 6.5 प्रतिशत की सब्सिडी दी जायेगी. यदि गरीब परिवार को बैंक से 12 प्रतिशत की दर से ऋण मिलता है, तो उसे...
More »सवर्ण पटेलों का आरक्षण आंदोलन- डा हरि देसाई
अखंड भारत के शिल्पी सरदार वल्लभभाई पटेल सवर्ण एवं धार्मिक आरक्षण के घोर विरोधी थे. इसके बावजूद गुजरात में उनके नाम पर सवर्ण पाटीदार आरक्षण आंदोलन चल पड़ा है. गुजरात के लिए मंगलवार (25 अगस्त) अमंगल रहा. गुजरात की जनता अपने काम में ही व्यस्त रहने के लिए जानी जाती है और शांत प्रजा की उसकी छवि है, किंतु किसी एक मसले को लेकर वह जब आंदोलन करने पर उतारू हो...
More »आरक्षण की नीति के खतरे - संजय गुप्त
गुजरात में अनुभवहीन युवा नेता हार्दिक पटेल की ओर से अपने समुदाय को गोलबंद कर जिस तरह आरक्षण की मांग की गई और जिससे राज्य के कई इलाकों में जो हिंसा भड़क उठी, उससे आरक्षण का मसला एक बार फिर राजनीतिक बहस के केद्र में आ गया है। आजादी के बाद अनुसूचित जातियों और जनजातियों को सामाजिक-आर्थिक रूप से मुख्यधारा में लाने के लिए उन्हें दस वर्षों के लिए सरकारी...
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