भोपाल. प्रदेश में किसानों की हालत सुधारने के लिए सरकार ने मप्र कृषक आयोग को फिर से जीवित करने के साथ ही किसान विकास परिषद बनाने का फैसला लिया है। हाल ही में मुख्यमंत्री चौहान ने कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान आयोग को फिर से गठित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कृषि विकास परिषद के गठन पर भी सहमति जताई। यह परिषद कृषि की नई तकनीक,शोध एवं अनुसंधान पर जोर...
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शख्शियत बड़ी या संदेश- राजदीप सरदेसाई
‘क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में चुनाव कैसे होते हैं? पिता के लिए शराब, मां के लिए कपड़े और बच्चे के लिए भोजन।’ ‘आखिर इस देश में क्या भ्रष्ट नहीं है? भारत का केंद्रीय व्यसन या दोष भ्रष्टाचार है; भ्रष्टाचार की केंद्रीय धुरी है चुनावी भ्रष्टाचार; और चुनावी भ्रष्टाचार की केंद्रीय धुरी हैं कारोबारी घराने।’ उपरोक्त उक्तियां अन्ना हजारे द्वारा कही गई बातों जैसी लगती हैं। हालांकि ये बातें...
More »18 बार अल निनो ने रोका मानसून का रास्ता
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। मौसम विभाग के अनुमानों को ठेंगा दिखाते आये मानसून पर इस बार फिर अल निनो का प्रकोप भारी पड़ सकता है। बड़ी परेशानी यह है कि मौसम विभाग इस बार भी अल निनो की चाल पढ़ने में जल्दबाजी दिखा रहा है। मानसून का इतिहास बता रहा है कि जब भी अल निनो का प्रभाव हुआ तो मानसून रास्ता भटक ही गया। पिछले सौ सालों में...
More »गोदाम अनाज से भरे फिर भी भूख से मौतें क्यों?: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली. देश में भूख से मौतों के बढ़ते मामलों से सुप्रीम कोर्ट चिंतित है। उसने केंद्र से पूछा है कि जब अनाज के गोदाम लबालब भरे हैं। बंपर फसल भी हुई है। फिर भी देश में भुखमरी के मामले क्यों बढ़ रहे हैं। साथ ही शीर्ष कोर्ट ने गरीबी की रेखा से नीचे के लोगों (बीपीएल)की संख्या हर राज्य में केवल 36 फीसदी मानने पर भी योजना आयोग को कड़ी फटकार लगाई।...
More »सांसदों को साध कर रखते हैं उद्योग घराने
नई दिल्ली। ऐसे समय में जब संसद विवादित लोकपाल विधेयक पर चर्चा करने की तैयारी में है, एक पूर्व नौकरशाह ने कहा है कि ज्यादातर उद्योग घराने सरकारी नीतियों को प्रभावित करने या अपने पक्ष में निर्णय के लिए सासदों को साध कर रखते हैं। आर्थिक खुफिया ब्यूरो के पूर्व महानिदेशक बी.वी. कुमार ने अपनी नई किताब 'दि डार्कर साइड आफ ब्लैक मनी' में लिखा है कि कुछ बड़े उद्योग घराने...
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