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राजस्थान में आदिवासी अधिकारों की अनदेखी

सामाजिक अधिकारिता के कानूनों के होने भर से किसी समुदाय के सशक्तीकरण की गारंटी होती तो राजस्थान का आदिवासी समुदाय ना तो शिक्षा के बुनियादी अधिकार से वंचित रहता और ना ही अपनी जीविका के जरुरी साधन जमीन से। मिसाल के लिए इन तथ्यों पर गौर करें।राजस्थान की कुल आबादी में आदिवासी समुदाय की तादाद १२.४४ फीसदी है और साक्षरता-दर है ४४.७ फीसदी जबकि सूबे की औसत साक्षरता दर इससे कहीं ज्यादा ऊंची(६१.०३ फीसदी) है। क्या शिक्षा...

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बच्चों से काम कराया तो खैर नहीं

पटना. अब अगर किसी असंगठित क्षेत्र के मजदूर के साथ अन्याय होता है तो ऐसी हालत में पुलिसिया कार्यवाई की जा सकती है। श्रम संसाधन विभाग ने मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए यह कदम उठाया है। विभाग का मानना है कि अंसगठित क्षेत्र के मजदूर अशिक्षित एवं आर्थिक रूप से कमजोर होते है जिन्हें ठेकेदार द्वारा विभिन्न स्तरों पर शोषित किया जाता है। ऐसे में उनके हितों की रक्षा सिर्फ...

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बस्तर के आदिवासियों को पाच रुपये किलो चना

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य के आदिवासी बहुल बस्तर संभाग में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य दुकानों से गरीबी रेखा श्रेणी के सभी परिवारों को हर महीने प्रति परिवार पाच रुपये में एक किलो देशी चना देने की घोषणा की है। सिंह ने शनिवार को राजधानी रायपुर के नवीन विश्राम भवन सभागृह में आयोजित बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में यह...

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देश की आठवीं बेस्ट पंचायत कालूआना

सिरसा. जिले के कालूआना गांव की पंचायत को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए वर्ष 2009-10 की देश की श्रेष्ठ (बेस्ट ऐट) आठ पंचायतों में चुना गया है। इसके लिए पंचायत को बुधवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सम्मानित किया। यह सम्मान कालूआना गांव के सरपंच जगदेव सहारण ने हासिल किया। दिल्ली में यह कार्यक्रम महात्मा...

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मनरेगा - पांच साल दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार गारंटी योजना के

बहुत थोड़ी होती है पांच साल की अवधि फिर भी नरेगा की उपलब्धियां आवाक कर रही हैं। देश के सर्वाधिक गरीब में शुमार लोगों में से तकरीबन दस करोड़ ने बैंक या फिर पोस्ट-ऑफिस में बैंक अकाऊंट खोले हैं, लोग अपना अधिकार समझकर काम मांग रहे हैं, हजारों गांवों में कुएं-तालाब और ऐसे ही सामुदायिक इस्तेमाल के कई संसाधन तैयार हो रहे हैं, औरत हो या मर्द- दोनों को बराबर के काम के लिए बराबर की...

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