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कब चमकेगी आदिवासियों की किस्मत!

नई दिल्ली [भारत डोगरा]। भारतीय संविधान ने आदिवासी समुदायों की विशेष आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशीलता का परिचय दिया और संविधान की इस भावना के अनुकूल हमारे देश में आदिवासी हितों की रक्षा के अनेक कानून भी बनाए गए, लेकिन इसके बावजूद जमीनी स्तर की वास्तविकता यह रही कि आदिवासियों को कई तरह का अन्याय सहना पड़ा। बड़े पैमाने पर वे जमीन से वंचित हुए व उनकी वन-आधारित आजीविका भी अधिकाश स्थानों पर तेजी से कम होती...

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सरकारी सुस्ती में होम होंगे जनता के पांच खरब

नई दिल्ली। सरकारी योजनाओं पर अमल में सुस्ती के चलते जनता की गाढ़ी कमाई के पांच खरब रुपये बर्बाद होंगे। यह बर्बादी सिर्फ केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित 589 परियोजनाओं के देर से पूरा होने के कारण होगी। योजना क्रियान्वयन एवं सांख्यिकी मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने सोमवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी। ये परियोजनाएं निर्धारित समय पर पूरी होतीं तो इन पर 5,54,114 करोड़ की लागत आनी थी, लेकिन अब...

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‘अब हर किसी को गेहूं और चावल चाहिए’- शरद पवार

  सुबह के आठ बजे हैं. लेकिन 69 वर्षीय भारत के कृषि मंत्री  शरद पवार अपने दिल्ली स्थित घर में बने ऑफिस में व्यस्त हो चुके हैं...अनाज और सब्जियों की लगातार बढ़ रही कीमतों के मुद्दे पर आलोचनाओं से घिरे पवार ने अजित साही और राना अय्यूब से उनके कार्यकाल में कृषि नीतियों पर काफी लंबी बात की. साक्षात्कार के अंश यूपीए सरकार के कार्यकाल में कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन यूपीए जब सत्ता...

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चौ. रणबीर सिंह के प्रयासों से रखी गई हरित-क्रांति : प्रणब

रोहतक,  जागरण संवाददाता : केंद्रीय वित्ता मंत्री प्रणब  मुखर्जी ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी चौ. रणबीर  सिंह की पहल के चलते भाखड़ा  बांध परियोजना सिरे चढ़ी, जो हरित क्रांति लाने में मील का पत्थर साबित हुई। उन्होंने चौ. रणबीर सिंह सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन संस्थान 'स्वराज सदन' की आधारशिला रखी। बृहस्पतिवार को सुबह करीब 11  बजे केंद्रीय वित्ता मंत्री प्रणब  मुखर्जी एमडी  यूनिवर्सिटी परिसर पहुंचे। आडिटोरियम में चौ. रणबीर सिंह शोध पीठ के तत्वावधान में आयोजित प्रथम स्मृति...

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जनेश्वर से छोटे लोहिया तक का सफर

इलाहाबाद । बलिया के बैरिया क्षेत्र के शुभनथहीं गांव में 5 अगस्त 1933 को जन्मे जनेश्वर मिश्र का राजनैतिक कैरियर इलाहाबाद में ही शुरू हुआ। वह इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर वर्ष 1953 में यहां आए। किसान रंजीत मिश्र के दो पुत्रों में बड़े जनेश्वर शुरू से ही सोशलिस्ट विचारधारा से प्रभावित हो गए थे और फिर सोशलिस्टों के साथ ही रहें। चार दशक तक भारतीय राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने वाले जनेश्वर मिश्र ने देश...

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